पार्टी फेरबदल की सियासी पिक्चर:नेता प्रतिपक्ष का दावा-बहुत से कांग्रेस नेता हमारे संपर्क में, CM ने कहा - पहले अपने नेताओं के संपर्क में तो रहें चंदेल

पार्टी फेरबदल की सियासी पिक्चर:नेता प्रतिपक्ष का दावा-बहुत से कांग्रेस नेता हमारे संपर्क में, CM ने कहा - पहले अपने नेताओं के संपर्क में तो रहें चंदेल

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी बदलकर वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने बहुत से कांग्रेस नेताओं के संपर्क में होने का दावा किया है। जिस पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चंदेल को नसीहत दी है की वे पहले अपनी पार्टी के नेताओं के संपर्क में रहें।

नारायण चंदेल ने कहा है कि पूरे देश में कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी में आ रहे हैं और छत्तीसगढ़ में एक,दो नहीं बल्कि कई कांग्रेस उनसे संपर्क में हैं और बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं। उन्होनें दावा किया कि उनके पास कई कांग्रेस नेताओं के प्रस्ताव पेंडिंग हैं और चुनाव की तारीख नजदीक आते ही उनका बीजेपी प्रवेश होगा।

इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चंदेल पर तंज कसते हुए कहा कि नारायण चंदेल पहले अपने नेताओं के संपर्क में रहें, बस्तर में बैठक होती है तो वे गायब रहते हैं। सीएम ने कहा कि यहां रमन सिंह,धरमलाल कौशिक जैसे जितने भी पुराने नेता हैं, उनको चंदेल ने नेपथ्य में धकेल दिया है।

नई वैकेंसी और सेलेरी को लेकर उठे नेता प्रतिपक्ष के उठाये सवाल पर सीएम ने कहा - जनता को गुमराह करने की कोशिश ना करें चंदेल

नारायण चंदेल ने सरकार द्वारा लगातार निकाली जा रही वेकेंसी को लेकर सवाल उठाये थे और कहा था कि इतनी भर्तियां ली जा रही है लेकिन सरकार उनको सैलेरी कहां से देगी। सीएम ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि नारायण चंदेल पूरे बजट में थे और बजट भाषण में मैंने कहा था 3 राज्य है जहां कर्जा नहीं लिया गया हैं। उड़ीसा, त्रिपुरा और छत्तीसगढ़,हमारी अर्थव्यवस्था इतनी अच्छी है और अगर खराब अर्थव्यवस्था होती तो सारी योजनाओं को हम लागू नहीं कर पाते।

चाहे राजीव गांधी किसान न्याय योजना हो, भूमिहीन श्रमिक न्याय योजना हो, गोधन न्याय योजना हो, या फिर अभी बेरोजगारी भत्ता देने की हो इसको हम लागू नहीं कर पाते। जहां तक की सैलरी बांटने की बात है तो हमने कोरोना काल मे किसी भी कर्मचारी का वेतन में कटौती नहीं की हैं,जबकि उस समय देश के 6 राज्यों में 30 प्रतिशत कटौती की गई थी।