भाजपा बोली यह आदिवासी संस्कृति को खत्म करने की साजिश, मुख्यमंत्री बोले-ये क्यों डरे हैं, षड़यंत्र में शामिल तो नहीं

भाजपा बोली यह आदिवासी संस्कृति को खत्म करने की साजिश, मुख्यमंत्री बोले-ये क्यों डरे हैं, षड़यंत्र में शामिल तो नहीं

छत्तीसगढ़ के 31 जिलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून-NSA लागू करने की अधिसूचना का समाचार आने के बाद प्रदेश में राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। भाजपा ने इसे आदिवासी संस्कृति को खत्म करने की साजिश बताया है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहा , यह बात तो भाजपा के लोगों से पूछा जाना चाहिए कि वे क्यों डरे हुए हैं। कहीं वे भी षड़यंत्र में शामिल तो नहीं।

भाजपा के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने गुरुवार को कहा, भूपेश बघेल ने प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में जिस तरह से रासुका लगाया है वह आदिवासी संस्कृति को खत्म करने की साजिश है। धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाला है। भूपेश बघेल नहीं चाहते कि हमारे यहां की आदिवासी अस्मिता, यहां की संस्कृति, रीति-रिवाज और यहां की परंपराये बची रहें। ये लोग हमारे आदिवासी समाज को धर्मांतरण की ओर बढ़ाना चाहते हैं। कश्यप ने कहा, ये लोग कहीं न कहीं मिशनरियों के साथ मिले हुए दिखाई देते हैं। अब रासुका लगाकर वे धर्म की रक्षा कर रहे आदिवासियों को जेल में ठूसेंगे। वहीं भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इसे अघोषित आपातकाल बता दिया है।

सिहावा विधानसभा से लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इन आरोपों पर बात हुई। उन्होंने छूटते ही कहा, पूरे देश में लगा हुआ है (आपातकाल) कोई बोल पाता है क्या? यहां तो यह है कि भाजपा के खिलाफ बोलो तो धर्मद्रोही हो जाता है। केंद्र के खिलाफ कुछ बोलो तो राष्ट्रद्रोही हो जाता है। यहां बना हुआ है कि बृजमोहन जी को भी बाेलने का मौका मिलता है। बचत जगह तो बोलने का भी मौका मिलता है क्या? बोले तो तुरंत सेंट्रल एजेंसियां पहुंच जाती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, यह बात तो उनसे पूछी जानी चाहिए कि वे कोई षड़यंत्र तो नहीं कर रहे हैं कि डरे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा गलत बयानी कर रही है। मैं आंकड़े दे रहा हूं कि किसके समय में सबसे अधिक चर्च बना है। किसके समय में ज्यादा धर्मांतरण हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा, जिस तरह की घटना घटी है और उसके बाद लोग जैसा रिएक्ट किये हैं, उसको देखते हुए कानून-व्यवस्था बनाने के लिए अलग-अलग धाराओं का प्रयोग किया ही जाता है।