जोशीमठ में घरों से आ रही डरावनी आवाज:रोते हुए लोग बोले- घर अचानक हिलने लगता था, आंखों के सामने सब तबाह

जोशीमठ में घरों से आ रही डरावनी आवाज:रोते हुए लोग बोले- घर अचानक हिलने लगता था, आंखों के सामने सब तबाह

‘रात को अचानक लगा कि घर हिल रहा है, पूरा घर टेढ़ा हो गया। दीवारों पर मोटी-मोटी दरारें आ गईं। अपने ही घर में खड़े होने में डर लग रहा है। घर के नीचे से पानी बहने की आवाज आ रही है। ये आवाज कहां से और कैसे आ रही है हमें नहीं पता। अब मेरा 9 कमरे का घर रहने लायक नहीं बचा। कब गिर जाए, कोई भरोसा नहीं है।’ जोशीमठ शहर में रहने वालीं कल्पेशवरी पांडे ये बताते हुए रोने लगती हैं।

पड़ोस में रहने वाली सरिता उन्हें चुप कराती हैं और फिर उनकी आंखों में भी आंसू आ जाते हैं। कहती हैं, ‘मेरा घर भी बर्बाद हो गया। फर्श के सारे टाइल्स टूट गए। ऐसा लग रहा है कि किसी मशीन से पूरे घर को जोर का धक्का मार दिया। 2 जनवरी को रात में लगा था कि हल्का सा भूकंप आया है, क्या हुआ ये नहीं पता, लेकिन उसी के बाद से दरारें बढ़ने लगीं।’

जोशीमठ: एक खिसकता शहर, घरों के साथ लोगों के टूटते सपने
2 जनवरी 2022 की रात उत्तराखंड के जोशीमठ शहर और उसके आस-पास बसे गांवों में जो हुआ, वो अचानक हुआ, ये कहना थोड़ा गलत होगा। आज जो हो रहा है, इसकी चेतावनी तो 46 साल पहले 1976 में ही 18 सदस्यों वाली एमसी मिश्रा समिति ने अपनी रिपोर्ट में दे दी थी।

इसके बाद वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी समेत कई अन्य बड़े संस्थानों ने लगातार चेतावनियां दीं। हालांकि, सरकार या प्रशासन ने इन्हें कितना सुना या माना ये आज सबके सामने है।

ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाइवे (NH-7) पर बसे चमोली जिले के जोशीमठ में एंट्री करते ही मुझे फटी, दरकी और टूटी हुई सड़कें नजर आती हैं। 7वीं शताब्दी में उत्तराखंड के कत्यूरी राजवंश ने यहां राजधानी बनाई थी। आज यहां की सड़कों की हालत ये है कि अब इन पर गाड़ियां चलाना मुमकिन नहीं। खड़े भी होते हैं, तो धरती कांपती सी लगती है। ऐसा महसूस होता है कि ऐसे पत्थर पर खड़े हैं, जो कभी भी लुढ़क सकता है ।

चेतावनियां जो अनसुनी कर दी गईं, विनाश जिससे मुंह फेर लिया गया
जोशीमठ वाला इलाका हाई रिस्क जोन-5 में आता है। यानी छोटा सा भूकंप भी यहां भारी तबाही ला सकता है। 1976 में ही मिश्रा समिति ने जोशीमठ और आस-पास के इलाके को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी। इस रिपोर्ट में इलाके में विकास के काम, सड़क निर्माण और आबादी को लेकर कई जरूरी बातें थीं-