मां की जान बचाने खून का सौदा: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्लड नहीं, बेटे ने रक्तदान भी किया और 1500 रुपये भी दिए
ब्लड बैंक के एचओडी डॉ. केएल आजाद ने बताया कि, उनके पास जो खून था, उसका टेस्ट नहीं किया गया था। इसके चलते नहीं दिया गया। अब टेस्ट हो चुका है और पर्याप्त मात्रा में देने के लिए उपलब्ध है।

छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में सिस्टम के आगे लाचार एक बेटे ने अपनी मां की जान बचाने के लिए अपने ही खून का सौदा कर लिया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मां के लिए तीन दिनों तक खून की तलाश में बेटा भटकता रहा। जब इंतजाम नहीं हुआ तो उसने प्राइवेट ब्लड बैंक में जाकर रक्तदान किया। यहां भी उसे बदले में खून नहीं मिला, बल्कि 1500 रुपये देकर खरीदना पड़ा। बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्लड उपलब्ध ही नहीं है। ऐसा तब है, जब पांच दिन पहले ही रक्तदान दिवस पर जवानों, युवाओं ने ब्लड डोनेट किया और नेताओं ने अपनी तस्वीरें खिंचवाईं थीं।
नारायणपुर जिले के झारावाही में रहने वाले सुखराम ने अपनी मां सोनी बाई मंडावी (55) को बेहतर उपचार के लिए दो सप्ताह पहले मेकाज में भर्ती किया है। सुखराम ने बताया की उसकी मां को किडनी की परेशानी है। मां फीमेल वार्ड 2 में बेड- 7 पर भर्ती है। यहां डायलिसिस करने की बात कही गई। जब दूसरी बार डायलिसिस हुआ तो डॉक्टरों ने खून लाने के लिए कहा। मां का ब्लड ग्रुप AB पॉजिटिव है। वह मेकाज के ब्लडबैंक गया, लेकिन तीन दिन चक्कर लगाने के बाद भी नहीं मिला। इसके बाद सुखराम ने शहर में जाकर एक निजी ब्लड बैंक में अपना खून और 1500 रुपये दिए।
कहां गया दान किया गया खून
मेकाज के अधिकारियों ने 14 जून रक्तदाता दिवस के एक दिन पहले से लेकर एक दिन बाद तक करीब 157 यूनिट रक्त दान करवाया। इसके बाद भी मेकाज में भर्ती मरीज को रक्त नहीं मिल सका। इसके अलावा भी आमजन अन्य मौकों पर भी रक्तदान करते हैं। ब्लड बैंक के एचओडी डॉ. केएल आजाद ने बताया कि, उनके पास जो खून था, उसका टेस्ट नहीं किया गया था। इसके चलते नहीं दिया गया। अब टेस्ट हो चुका है और पर्याप्त मात्रा में देने के लिए उपलब्ध है।