यश ग्रुप की 50 करोड़ की संपत्ति होगी नीलाम:चिटफंड के मामले में जिला प्रशासन की कार्रवाई, 9 डायरेक्टर भेजे गए जेल

दुर्ग. राज्य शासन के निर्देश पर दुर्ग पुलिस और दुर्ग जिला प्रशासन चिटफंड कंपनियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसी कड़ी में चिटफंड कंपनी यश ग्रुप को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई। पुलिस ने न सिर्फ कंपनी के डायरेक्टर को जेल भेजा बल्कि लोगों का पैसा वापस करने के लिए कंपनी की 50 करोड़ रुपए कीमत की 52 एकड़ जमीन भी नीलाम करने जा रही है।
दुर्ग पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 19 अगस्त 2015 को पुलगांव थाना अंतर्गत नगपुरा निवासी हेमन्त कुमार साहू (27 साल) ने यश ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि कंपनी ने नेहरू नगर के प्रियदर्शनी परिसर में अपना ऑफस खोलकर भोले भाले लोगों को ठग रही है। कंपनी लोक लुभावन स्कीम दिखाकर लोगों अधिक ब्याज का लालच देकर उनसे इनवेस्ट करवा रही है। सुपेला पुलिस ने कंपनी के 9 डायरेक्टर्स के खिलाफ धारा 420, 409, 120-बी, 34 और चिटफंड अधिनियम की धारा 3, 4, 5, 6-ई के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस ने अब तक इस मामले में सभी 9 डॉयरेक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
शहर के कई इलाकों में है कंपनी 52 एकड़ जमीन
पुलिस के मुताबिक यश गु्रप कंपनी के डॉयरेक्टर्स ने दुर्ग जिले के ग्राम हनोदा, कोहका, उमदा, अखरा, नगपुरा, अंजोरा, पाटन, अण्डा, रिसाली और जामुल अंतर्गत 52 एकड़ भूमि खरीदी है। इस जमीन को 14 करोड़ 46 लाख 84 हजार रुपए में खरीदा गया था। वर्तमान में इस जमीन की कीमत 50 करोड़ से अधिक बताई जा रही है। दुर्ग एसपी ने 18 मार्च 2016 को जमीन की कुर्की के लिए जिला दण्डाधिकारी दुर्ग लिखा था। कलेक्टर ने मामले की सुनवाई के बाद 23 अप्रैल 2016 को की संपत्तियों को कुर्की किये जाने के लिए अंतरिम आदेश जारी किया और इसे विशेष न्यायालय दुर्ग को अंतिम आदेश पारित करने पत्र लिखा। विशेष न्यायालय ने यश ग्रुप एवं कंपनी के डॉयरेक्टरों की चिहिन्त संपत्ति को कुर्की किये जाने का आदेश 14 जुलाई 2023 को दे दिया है।
अब तक चार कंपनियों की हो चुकी है नीलाम
जानकारी के मुताबिक जिटफंड के मामले में जिले में अब तक 4 कंपनी की नीलामी की जा चुकी है। इससे प्रशासन ने 43 करोड़ 27 लाख 81,02 रुपए की रिकवरी की है। इसमें उन्हें 2 करोड़ 92 लाख 78,102 रुपए प्राप्त हो चुके हैं। इस राशि को 2519 निवेशकों को वापस किया जा चुका है। शेष राशि की वापसी की कार्यवाही जारी है।