रक्षाबंधन पर रहेगा भद्रा का साया: जानिए शुभ मुहूर्त, विधि व अन्य जानकारी?

नईदिल्ली (ए)। भाई-बहन के प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन 19 अगस्त को सावन की पूर्णिमा पर मनाया जाएगा। इस बार भद्रा का साया होने के कारण दोपहर 1:33 के बाद बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधेंगी।
19 अगस्त को सुबह 3:05 पर पूर्णिमा शुरू हो रही है। इसके साथ ही भद्रा भी प्रारंभ हो जाएगी। पूर्णिमा रात्रि 11:55 तक रहेगी। भद्रा सोमवार को दोपहर 1:33 तक रहेगी। इसलिए भद्रा के बाद राखी बांधना शास्त्र सम्मत बताया गया है। इसके अलावा सोमवार को सुबह 7:32 से 9:09 तक राहुकाल रहेगा। राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य न करें।
इस बार राखी पर चार योग बन रहे हैं, जो कि बहुत ही उत्तम हैं। सूर्य में शुक्र होने के कारण सुबह से लेकर शाम तक शुक्रादित्य योग रहेगा। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि एवं शोमन योग, रवि योग व सौभाग्य योग में रक्षाबंधन मनेगा। ये सभी योग पूरे दिन रहेंगे।
बहनों को भाई की कलाई पर राखी सही विधि से बांधनी चाहिए।इसके अनुसार, सबसे पहले भाई को रोली, अक्षत का टीका लगाएं। इसके बाद भाई की दाहिने कलाई पर राखी बांधें। उसे मिठाई खिलाएं। फिर भाई की आरती उतारें और उसके सुखी जीवन की कामना करें। वहीं राखी बंधवाने के बाद भाई को अपनी बहनों के चरण स्पर्श करने चाहिए। इसके साथ ही रक्षा बंधन का मंत्र (येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि ,रक्षे माचल माचल:।) भी बोलना चाहिए।
रक्षाबंधन के दिन भाई की कलाई पर राखी बांधने व बंधवाने से और व्रत का पालन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. साथ ही कई प्रकार के समस्याओं से छुटकारा मिलता है. विधि-विधान से रक्षाबंधन त्योहार मानने से व्यक्ति को धन-ऐश्वर्य और आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन विशेष रूप से बहनों का आशीर्वाद लिया जाता है. यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन श्रावण मास का अंतिम सोमवार व्रत भी रखा जाएगा. ऐसे में इस विशेष दिन पर राखी का पर्व मानाने के साथ-साथ भगवान शिव की उपासना का भी सौभाग्य प्राप्त होगा।
कैसे मनाएं रक्षा बंधन?
रक्षाबंधन के दिन सुबह स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें. फिर ईश्वर की आराधना के बाद एक थाल में रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षासूत्र और मिठाई रखें. घी का एक दीपक भी प्रज्वलित करें. रक्षा सूत्र और पूजा की थाल सबसे पहले भगवान को समर्पित करें. इसके बाद भाई को पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करवाकर एक चौकी पर बैठाएं. पहले भाई को तिलक लगाएं. रक्षा सूत्र बांधें. इसके बाद उसकी आरते उतारें. फिर मिठाई खिलाकर भाई की मंगल कामना करें।
ध्यान रहे कि रक्षासूत्र बांधते समय भाई और बहन का सिर खुला नहीं होना चाहिए. रक्षा बंधवाने के बाद माता-पिता या गुरुजनों का आशीर्वाद लना न भूलें. तत्पश्चात बहन को सामर्थ्य के अनुसार उपहार दें. उपहार में ऐसी वस्तुं दें जो दोनों के लिए मंगलकारी हों. काले वस्त्र या नुकीली-धारदार वस्तुए भेंट करने से बचें।
राशि के अनुसार बांधे राखी
मेष: लाल, केसरिया या पीला रंग की राखी
वृष: नीले रंग या चांदी की राखी
मिथुन: हरे रंग की राखी
कर्क: सफेद धागे या मोती से निर्मित राखी
सिंह: गुलाबी, लाल या केसरिया रंग की राखी
कन्या: सफेद या हरे रंग की राखी
तुला: फिरोजी या जामुनी रंग की राखी
वृश्चिक: लाल रंग की राखी
धनु: पीले रंग की राखी
मकर: गहरे लाल रंग की राखी
कुंभ: रुद्राक्ष से निर्मित राखी
मीन: पीला या सफेद रंग की राखी