दिल्ली के जंतर-मंतर पर 19 अप्रैल को ‘सत्याग्रह फॉर मेन’

पुरुष आयोग की मांग, आत्महत्या की बढ़ती दर और लैंगिक भेदभाव वाले कानूनों के खिलाफ आवाज बुलंद

नई दिल्ली। पुरुष अधिकारों की सुरक्षा, आत्महत्या के बढ़ते मामलों की रोकथाम और महिलाओं के लिए बनाए गए कानूनों के दुरुपयोग के विरोध में आगामी 19 अप्रैल को देशभर से हजारों पुरुष कार्यकर्ता दिल्ली के जंतर-मंतर पर एकत्र होंगे। यह "सत्याग्रह फॉर मेन" आंदोलन सेव इंडियन फैमिली मूवमेंट और उससे जुड़ी 40 से अधिक संगठनों की पहल है।

इस सत्याग्रह का उद्देश्य पुरुषों के लिए आयोग और मंत्रालय की स्थापना की मांग के साथ-साथ वैवाहिक कानूनों को लिंग-निरपेक्ष (जेंडर न्यूट्रल) बनाना है। आयोजकों का कहना है कि देश में पुरुषों की आत्महत्या की दर चिंताजनक है — हर 4.5 मिनट में एक पुरुष आत्महत्या कर रहा है। घरेलू हिंसा, मानसिक शोषण और झूठे मुकदमों से त्रस्त होकर पुरुष आत्महत्या की ओर धकेले जा रहे हैं।

हाल ही में हुए कई मामलों जैसे - मेरठ के सौरभ की टुकड़े-टुकड़े कर हत्या, औरैया में शादी के 14 दिन बाद हुई पति की सुपारी देकर हत्या, और सरजुगा में पत्नी द्वारा पति की बेटी के सामने हत्या — ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। इन घटनाओं के बावजूद सरकार की चुप्पी और पुरुषों के लिए नीतिगत अनुपस्थिति ने "सत्याग्रह फॉर मेन" को मजबूती दी है।

पुरुषों के हितों के लिए काम करने वाली मेन्स राइट्स एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ पुरुष अधिकार संगठन समेत देशभर के संगठन यह मांग कर रहे हैं कि सभी कानून जेंडर न्यूट्रल बनाए जाएं और झूठे मामलों पर सख्त दंड का प्रावधान हो।

सत्याग्रह का आह्वान करते हुए आयोजकों ने देशवासियों से अपील की है कि वे 19 अप्रैल को जंतर-मंतर पहुंचकर पुरुष अधिकारों और न्याय के समर्थन में खड़े हों।