जमीन घोटाला: एक ही प्लॉट की दो बार रजिस्ट्री, प्रॉपर्टी डीलर ने फर्जी दस्तावेज बनाकर बेची जमीन
कोरोना काल में मालिक के घर से बाहर न निकलने का फायदा उठाया, फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन बेच दी

बिलासपुर । जिले के देवरीखुर्द इलाके में एक ही जमीन की दो बार रजिस्ट्री कराने का बड़ा घोटाला सामने आया है। प्रॉपर्टी डीलर बजरंग प्रसाद गौतम पर आरोप है कि उसने फर्जी आधार कार्ड और नकली मुख्तारनामा बनवाकर एक व्यक्ति की जमीन दूसरे को बेच दी। पीड़ित सौंखीलाल भार्गव ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के मामले में केस दर्ज कर लिया है।
घोटाले की पूरी कहानी
- 2008 में खरीदी थी जमीन: सौंखीलाल ने माया देवी से 2400 वर्ग फुट जमीन खरीदी थी, लेकिन नामांतरण नहीं कराया।
- भुईंया ऐप में गड़बड़ी: जमीन का एक ही प्लॉट दो अलग-अलग खसरा नंबर (38/12 और 38/21) से दिखने लगा।
- फर्जी दस्तावेज बनाए: डीलर ने नकली आधार कार्ड (नंबर: 785623050357) और मुख्तारनामा बनवाकर 2020 में जमीन की दोबारा रजिस्ट्री करा दी।
- झूठे गवाह खड़े किए: रजिस्ट्री के दौरान माया देवी की जगह किसी अन्य महिला को लगाया गया।
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पीड़ित को कैसे पता चला?
जब सौंखीलाल अपनी जमीन पर कब्जा करने पहुंचे, तो पता चला कि सुषमा गुप्ता और अरविंद कुमार गुप्ता नाम के लोगों को वहां बैठाया गया है। जांच में पता चला कि डीलर ने न केवल जमीन बेची, बल्कि फर्जी ऋण पुस्तिका (नंबर: 733369) भी तैयार करवा ली थी।
पुलिस कार्रवाई
- FIR दर्ज: धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (जालसाजी) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज।
- डीलर की तलाश: बजरंग प्रसाद गौतम के खिलाफ जांच जारी।
- बड़ा सवाल: भुईंया ऐप की सुरक्षा पर संदेह
यह मामला डिजिटल लैंड रिकॉर्ड्स में गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। अगर ऐप में एक ही जमीन के दो खसरा नंबर दिखेंगे, तो ऐसे घोटाले बढ़ सकते हैं।
यह घटना संपत्ति लेन-देन में दस्तावेजों की पुष्टि और कानूनी प्रक्रियाओं की सख्त जरूरत को उजागर करती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से पीड़ित को न्याय मिलने की उम्मीद है।