सहायक खनिज अधिकारी को सात साल की जेल:आय से अधिक संपत्ति के मामले में न्यायालय ने सुनाई सजा
न्यायालय ने कुम्हारे को सात साल सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जानकारी के मुताबिक गणेश प्रसाद कुम्हारे तत्कालीन सहायक खनिज अधिकारी दुर्ग के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति बनाने की शिकायत हुई थी। एसीबी को शिकायत मिली थी कि उसने अपने और अपने परिवार वालों के नाम पर अत्यधिक मात्रा में चल-अचल संपत्ति अर्जित की है। इसके बाद एसीबी ने 11 अक्टूबर 2020 को विशेष न्यायालय रायपुर से तलाशी वारंट प्राप्त किया।

दुर्ग। आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी की विशेष न्यायालय ने दुर्ग के तत्कालीन सहायक खनिज अधिकारी गणेश प्रसाद कुम्हारे को दोषी पाया है। न्यायालय ने कुम्हारे को सात साल सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जानकारी के मुताबिक गणेश प्रसाद कुम्हारे तत्कालीन सहायक खनिज अधिकारी दुर्ग के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति बनाने की शिकायत हुई थी। एसीबी को शिकायत मिली थी कि उसने अपने और अपने परिवार वालों के नाम पर अत्यधिक मात्रा में चल-अचल संपत्ति अर्जित की है। इसके बाद एसीबी ने 11 अक्टूबर 2020 को विशेष न्यायालय रायपुर से तलाशी वारंट प्राप्त किया।
एसीबी ने आरोपी के विजय नगर स्थित नवनिर्मित मकान की तलाशी ली। इस दौरान वहां से नकद रकम, बैंक संबंधित दस्तावेज, बीमा पालिसी, अचल संपत्ति संबंधी दस्तावेजों को जब्त किया गया। इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए एसीबी के विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम दुर्ग आदित्य जोशी आरोपी गणेश कुम्हारे को दोषी पाया। न्यायालय ने उसे सात साल के सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। सुनवाई के दौरान शासन की ओर से प्रकरण की पैरवी विशेष लोक अभियोजक जाहिदा परवीन ने की।
एसीबी ने एक जनवरी 2004 से 12 अक्टूबर 2010 तक की अवधि का आय-व्यय का ब्यौरा तैयार किया। इसमें बताया गया कि आरोपी ने इतने कम समय में दो करोड़ 20 लाख 51 हजार 378 रुपये के अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की है। यह आय उसकी औसत सकल आय की तुलना में 408 प्रतिशत अधिक है। इसके बाद एसीबी ने गणेश प्रसाद कुम्हारे के मामले को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम दुर्ग आदित्य जोशी के न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।