स्‍ट्रेस फ्री पैरेंटिंग के लिए अच्‍छे माता-पिता बनना जरूरी, बच्‍चों को मिलेगा सही मार्ग दर्शन, अपनाएं 6 आदतें

स्‍ट्रेस फ्री पैरेंटिंग के लिए अच्‍छे माता-पिता बनना जरूरी, बच्‍चों को मिलेगा सही मार्ग दर्शन, अपनाएं 6 आदतें

अगर बात पॉजिटिव पैरेंटिंग की करें तो इसमें बच्चे के साथ गहरा रिश्ता बनाने, सही तरीके से एक-दूसरे से बातचीत करने और सम्मान देने जैसी बातों पर चर्चा होना जरूरी होता है. परवरिश के दौरान बच्चे को अगर आप यह बताते हैं कि क्‍या करना है और क्‍या नहीं, तो आपको बता दें कि उन्‍हें यह भी बताएं कि आखिर किन वजहों से उन्‍हें ऐसा काम करने से मना किया जा रहा है. कई माता-पिता बच्‍चों को डरा, धमका कर अनुशासन में रखने का प्रयास करते हैं, जबकि ऐसा करने से उनमें सेल्‍फ डिसिप्लिन विकसित नहीं होती. अगर आप नियमों को उन पर थोपने की आदत रखते हैं तो बेहतर होगा कि आप उन्‍हें अपना विचार दें और उनकी बातों को सुनें भी. तभी यह एक बेहतर परवरिश का हिस्‍सा बन सकता है. आइए जानते हैं कि पैरेंट्स को स्‍ट्रेस फ्री पैरेंटिंग के लिए किन आदतों को अपनाना चाहिए.

गुस्सा ना करें
कई बार माता-पिता आपसी झगड़ों का सारा गुस्सा बच्‍चों पर निकाल देते हैं. जिस वजह से कभी-कभी बच्चों को उन बातों के लिए भी सजा मिल जाती है, जिसे उन्‍होंने किया ही नहीं. इस बात का हमेशा ध्‍यान रखें कि घर, परिवार या ऑफिस का गुस्‍सा बच्‍चे पर ना उतरें.

बच्‍चों को लालची ना बनाएं
कई बार माता-पिता बच्चों को  कंट्रोल करने के लिए खिलौने आदि का लालच देने लगते हैं. ऐसे में बच्चे सही बर्ताव करने के बजाय डिमांडिंग हो जाते हैं और तभी अच्‍छे काम करते हैं, जब उन्‍हें उनके पसंद की चीज मिले. ऐसा बिलकुल ना करें. आपकी ये आदत उन्‍हें लालची बना रही है.

दें छोटी-छोटी जिम्मेदारियां
अगर आप कम उम्र से ही बच्चों को उनकी छोटी-छोटी जिम्मेदारियां समझाएंगे तो यह आदत भविष्य में काफी काम आएगी. आप इसके लिए साफ-सफाई, घर के काम, बागवानी, पैसों की अहमियत के बारे में बता सकते हैं. यही नहीं, उन्‍हें अपनी जिम्‍मेदारी भी उठाना सिखा लें. मसलन, खुद तैयार होना, गुड टच और बैड टच की जानकारी आदि.

आपसी संबंध के प्रति रहें सतर्क
माता-पिता एक दूसरे का कितना ख्‍याल रखते हैं इसका असर भी बच्‍चों पर काफी पड़ता है. कभी भी बच्चों के सामने लड़ाई झगड़ा ना करें. आपस में अपशब्द का इस्तेमाल न करें, जोर-जोर से न चिल्लाएं. अगर माता-पिता आपस में प्रेम और सम्मान से बात करेंगे, बच्चे को दूसरों के बेहतर व्यवहार करना आएगा.

तय करें समय
बच्चे के लिए एक रुटीन फॉलो करना बहुत जरूरी है. इससे उन्‍हें अपने समय का एहसास होता है. याद रखें कि जरूरत से ज्यादा प्यार भी बच्चे के बिगड़ने का कारण बन सकता है. इसलिए प्‍यार के साथ थोड़ा अनुशासन भी जरूरी है.