₹39,999 में मिल रहा आईफोन-12:शुरू हुई ई-कॉमर्स कंपनियों की फेस्टिव सेल, जानें ये हमारे लिए कितनी फायदेमंद

ई कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट की द बिग बिलियन और अमेजन की ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल आज यानी 8 अक्टूबर रात 12 बजे से सभी के लिए सेल शुरू हो गई है। एक दिन पहले ये सेल केवल प्लस और प्राइम मेंबर्स के लिए थी। इसमें 90% तक डिस्काउंट का दावा किया जा रहा है। द बिग बिलियन डेज सेल में फ्लिपकार्ट सभी प्रोडक्ट पर ICICI बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर 10% का ऐक्स्ट्रा डिस्काउंट दे रही है। वहीं, अमेजन अपनी सेल में SBI के क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर 10% का ऐक्स्ट्रा डिस्काउंट ऑफर कर रहा है।
₹39,999 की शुरुआती कीमत पर मिल रहा आईफोन
फ्लिपकार्ट पर आईफोन-12 ₹39,999, आईफोन-13 ₹51,999 और आईफोन-14 ₹64,999 में मिल रही है। सभी आईफोन की कीमतें शुरुआती वैरिएंट की हैं। अलग-अलग वैरिएंट में अलग-अलग डिस्काउंट मिल रहा है। वहीं, हाल ही में लॉन्च हुए आईफोन 15 सीरीज में अमेजन-फ्लिपकार्ट कोई खास डिस्काउंट नहीं दे रहे हैं।
डिस्काउंट के गणित को समझने से पहले यह समझना होगा कि फ्लिपकार्ट और अमेजन काम कैसे करते हैं? दरअसल ये कंपनियां इंटरमीडियरी की तरह हैं जो वेंडर्स और कस्टमर्स को अपने प्लेटफॉर्म के जरिए जोड़ती हैं। ये कंपनियां वेंडर्स को अपनी वेबसाइट के जरिए सामान बेचने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती हैं और बदले में बिक्री पर कमीशन लेती हैं।
- किसी भी कंपनी की सेल का मकसद सेल्स वॉल्यूम बढ़ाना होता है। इससे कस्टमर बेस बढ़ता है। 2016 को याद करें, जब जियो पूरे भारत में फ्री में 4G इंटरनेट दे रहा था। हर कोई सिम की लाइन में लगा था। ज्यादा से ज्यादा ग्राहक हासिल करने की ये जियो की स्ट्रैटजी थी। इसी तरह अमेजन-फ्लिपकार्ट भी ग्राहकों को अट्रैक्ट करने के लिए भारी डिस्काउंट देती हैं।
- 80-90% डिस्काउंट देने में प्लेटफॉर्म-वेंडर दोनों का रोल होता है। सेल के दौरान प्लेटफॉर्म्स अपना कमीशन कम कर देते हैं। वहीं वेंडर के रोल को कपड़ों के उदाहरण से समझते हैं। बड़े ब्रांड हर साल डिस्काउंट देकर पुराने स्टॉक को क्लियर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन अपनी ब्रांड आइडेंटिटी बनाए रखने के लिए एक लिमिट तक ही डिस्काउंट दे पाते हैं।
- इन स्थितियों में एक लिक्विडेटर कंपनी से रिटेल प्राइस के 20-30% पर बड़ा स्टॉक खरीद लेता है। इसके बाद वो इसे छोटे मार्जिन पर सेल के लिए रख देता है। इसमें कोई शक नहीं कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स कई प्रोडक्ट घाटे में बेचते हैं, लेकिन वो जानते हैं कि एक बार जब ग्राहक उनसे उत्पाद खरीदने के आदी हो जाएंगे, तो लंबे समय में वो प्रॉफिट बना सकेंगे।