14 साल, 102 मौतें, सुपेबेड़ा को अब मिलेगा साफ पानी:8 करोड़ की लागत से बनेगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट; किडनी की बीमारी से जूझ रहा गांव

गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा गांव में किडनी की बीमारी से जूझ रहे लोगों को अब साफ पानी मिल सकेगा। जल प्रदाय योजना के तहत शनिवार से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके बनने के बाद सुपेबेड़ा समेत 9 गांवों में तेल नदी से फिल्टर पानी पहुंच सकेगा। सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी के चलते अब तक 102 लोगों की मौत हो चुकी है। पहले दिन 21 मीटर ऊंची पानी टंकी की नींव के लिए खनन का काम हुआ। इस दौरान ग्राम सरपंच चंद्रकला मसरा, पंच समेत ग्राम प्रमुख मौजूद रहे। इस पानी टंकी में 10 लाख लीटर पानी स्टोरेज किया जाएगा। 8 करोड़ 45 लाख की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार हो रहा है।
पीएचई विभाग के ईई पंकज जैन ने बताया कि, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम 8 से 10 माह के भीतर पूरा हो जाएगा। टेंडर में पानी की टंकी के अलावा तेल नदी के किनारे इंटक वेल बनेगा। यह इंटक वेल सीधे रिमूवल प्लांट को पानी की सप्लाई देगा। जिसके बाद 10 लाख लीटर क्षमता वाले टैंक में पानी इकट्ठा होगा।
2 हजार से ज्यादा परिवारों को साफ पानी मिलेगा
सुपेबेडा के 430 घरों के अलावा, निष्टीगुड़ा, सेनमूड़ा, ठीरलीगुड़ा, सागौनभाड़ी, खम्हारगुड़ा, खोकसरा, परेवापाली, मोटरापारा के कुल 2074 घरों में पीने का साफ पानी सप्लाई होगा। इसके अलावा गांव में जल जीवन मिशन के तहत 70 हजार लीटर क्षमता पानी टंकी का निर्माण पहले ही शुरू कर दिया गया है। सुपेबेडा को इसी टैंक से पानी की सप्लाई दी जाएगी। पंकज जैन ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत जिले की यह पहली ऐसी स्कीम है, जहां एक साथ कई गांव को फिल्टर पानी दिया जाएगा। इस कार्य में 16 किमी लंबी मुख्य पाइप लाइन, स्टाफ क्वार्टर और सीसी रोड का काम भी शामिल है।
90 मौत के बाद काम हो सका शुरू
2011 में सुपेबेड़ा में जब किडनी की बीमारी से 48 मौत हुई थी, तब से तेल नदी से साफ पानी की मांग उठी थी। बीजेपी सरकार में केवल सर्वे ही हो पाया। मौतों का आंकड़ा 90 पार हो चुका था, लेकिन साफ पानी की योजना केवल फाइलों में थी।