प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का पहला सूर्य तिलक.....12 बजे अभिजीत मुहूर्त में 3 मिनट तक माथे पर चमकीं किरणें....

अयोध्या में रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से रामलला का सूर्य तिलक हुआ। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का यह पहला सूर्य तिलक है। दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में रामलला का 3 मिनट तक सूर्य तिलक किया गया।
सूर्य तिलक के साथ ही रामलला का जन्म हो गया। मंदिर में आरती की गई। सूर्य तिलक के बाद कुछ देर के लिए रामलला का पट बंद कर दिया गया। इससे पहले जगद्गुरु राघवाचार्य ने 51 कलशों से भगवान रामलला का अभिषेक किया। आज सुबह 3.30 बजे मंदिर के कपाट खुल गए, आम दिनों में यह 6.30 बजे खुलते हैं। श्रद्धालु रात 11.30 बजे तक, यानी 20 घंटे दर्शन कर सकेंगे।
सूर्य तिलक के लिए अष्टधातु के 20 पाइप से 65 फीट लंबा सिस्टम बनाया गया है। इसमें 4 लेंस और 4 मिरर के जरिए गर्भ गृह तक रामलला के मस्तक तक किरणें पहुंचाई गईं।
अब तक 6 लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंच चुके हैं। राम जन्मभूमि परिसर में लंबी लाइनें लगी हैं। राम पथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ पर काफी भीड़ है। रामलला सदन में राम जन्मोत्सव शुरू हो गया है। जगद्गुरु राघवाचार्य ने 51 कलशों से भगवान रामलला का अभिषेक किया। जगतगुरु डॉ. राघवाचार्य ने कहा कि भगवान राम का अवतार लोक कल्याण के लिए हुआ। यहां दर्शन, पूजन और तपस्या का विशेष लाभ मिलता है। राम की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।