शिक्षा का डॉक्टर : जो कहते हैं, वो 100% करते हैं ....

माइंड पावर इंग्लिश इंस्टीट्यूट; अब अपने स्वयं के 12 हजार वर्ग फुट और 5 हजार वर्ग फुट पर निर्मित ओपन स्कूलिंग और ओपन कॉलेज भी प्रारंभ कर रही है।

शिक्षा का डॉक्टर : जो कहते हैं, वो 100% करते हैं ....

        ऐसे में, आशा और उम्मीद की सुनहरी किरण लेकर भिलाई दुर्ग और रायपुर के ही विगत 31 वर्ष से न्यू सिविक सेंटर में भी कार्यरत और देश विदेश में भी निरंतर-लगातार प्रयासरत संस्थान माइंड पावर इंग्लिश इंस्टीट्यूट; मतलब बोनस प्लस, अब अपने स्वयं के 12 हजार वर्ग फुट और 5 हजार वर्ग फुट पर निर्मित ओपन स्कूलिंग और ओपन कॉलेज भी प्रारंभ कर रही है।

अत:, सविनय प्रेषित है ये लेख आप सभी की सेवा में-
         जहां कुछ स्कूल-कालेज के ये हाल हैं :  ऊंची है बिल्डिंग, लिफ्ट तेरी बंद है, नौकरी तो मिलती नहीं, हम, पॉकेट से तंग हैं। 
मतलब- ऊंची दुकान-फीका पकवान
         अधिकांश स्कूल-कालेज का ये हाल है। बढ़ी बेरोजगारी, झोला छाप शिक्षक, झोला छाप स्कूल-कॉलेज  झोला छाप शैक्षिक संस्थान।

ऐसे में, आशा और उम्मीद की सुनहरी किरण लेकर भारत सरकार द्वारा लागू एक साथ दो डिग्री के उपलक्ष्य में पेश है।
           लिमिट एंड बैलेंस, कुंजी, जॉब के लिए, अच्छी शादी के लिए, सफल जीवन के लिए।
          पूर्व-निर्धारित निश्चित वेतन के साथ 100% नौकरी की गारंटी, प्रवेश के एक वर्ष के भीतर तय की जाएगी। क्योंकि, हम जो भी जिसे पढ़ाते हैं वह हमारा अपना ही जान मान कर पढ़ता है और इसलिए हम केवल भारी साइकोमेट्रिक परीक्षण शुल्क का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं करते हैं; वह भी बिना किसी जवाबदेही के।
          बोनस प्लस: आश्चर्यजनक पदोन्नति के साथ डीए टीए; और अधिक बोनस: विकसित देशों में भी एचआरए प्लस प्रमोशन - लेकिन, केवल हमारे अपने छात्रों के लिए; जो, हमारे संरक्षण के बाद, होनहार कर्मचारी बन जाते हैं - जो सक्रिय रूप से कार्य करते हैं; जो स्व-शुरुआतकर्ता होते हैं; जो स्व-प्रेरित होते हैं; जो आगे बढ़ने वाले होते हैं. यानी हम अचीवर्स को ही ढालते हैं.
         संस्थापकों का परिचय : डॉ. (श्रीमती) राम्या सिंह पीएच.डी. हैं, मनोविज्ञान में, और वो भी 2 दशक से भी पहले, 1997-2001 के दौरान,  न्यू सिविक सेंटर-138, 114 और यहां तक ​​कि 149 में लोकप्रिय माइंड पावर इंग्लिश इंस्टीट्यूट के मालिक के साथ शादी के तुरंत बाद, न्यू सिविक सेंटर भिलाई सहित विभिन्न क्षेत्रों और कॉलोनियों में दर्जनों सैटेलाइट सेंटर थे। वैशाली नगर में भी। इंजीनियर सिंह बीटेक हैं। 1989-93 के दौरान एनआईटी हरियाणा से और अब 31 वर्ष बाद कुरूक्षेत्र स्थित राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के लिंक्डइन.कॉम पर सुपर एडमिन हैं। तो वहीं डॉ. राम्या डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी के सुपर एडमिनिस्ट्रेटर भी हैं जिनके कुल 1 लाख से भी ज्यादा पूर्व और वर्तमान छात्र समर्पित ऑर्गेनिक फॉलोअर्स हैं और इनके विचार देश विदेश की अंतरराष्ट्रीय महत्ता के संस्थान न केवल सुनते हैं बाल्की क्रियान्वित भी करते हैं। इनकी 9 वर्ष बिटिया मेहू उर्फ़ वंशिता और माता-पिता के 50-55 सालों के इतिहास के बारे में अधिक जानकारी ट्विटर, लिंक्डइन तथा फेसबुक पर अपलोड की गई है।
            ये समाज-सेवी स्वर्गीय श्री अमीर सिंह और श्रीमती कांति सिंह के बेटे बहू हैं जो कि कोहका में 1976 से निवासरत हैं तथा मंदिर और धर्मशाला के लिए न केवल लाखो रुपये कैश दान उपदान कर चुके हैं बल्कि संगमनार से भी ऊंचा ग्रेनाईट पत्थरों के फर्श फ्लोर लगवा चुके हैं और आगे इनकी मंशा 25% आरक्षण गरीब लेकिन मेधावी छात्रों के लिए आरक्षण योजना भी है। भगवान मेहू और उनके अभिभावकों और आप शुभचिंतकों को आशीर्वाद दें। आपको कामयाबी मिले। भगवान भला करे.


Jyoti Prakash Singh
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