साइबर अपराध और अपराध नियंत्रण के लिए दुर्ग पुलिस की बड़ी पहल, पेट्रोलिंग पार्टी को मिले नए निर्देश
- त्रिनयन एप के ज़रिए CCTV नेटवर्क को मजबूत करने पर ज़ोर
- सभी पेट्रोलिंग वाहनों पर CUG नंबर अंकित करने के निर्देश
- साइबर प्रहरी ग्रुप बनाकर आम नागरिकों को जोड़ा जाएगा जागरूकता अभियान से
- चोरी व संदेहास्पद वाहनों की पहचान अब मोबाइल एप से
दुर्ग जिले में अपराध और साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल के निर्देश पर एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अभिषेक झा ने जिले भर के थाना और चौकियों की पेट्रोलिंग टीमों को साइबर जागरूकता बढ़ाने, त्रिनयन एप का उपयोग सुदृढ़ करने और अपराध नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीक को प्रभावशाली तरीके से इस्तेमाल करने के दिशा-निर्देश दिए।
दुर्ग। दुर्ग पुलिस ने साइबर अपराध और आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए आधुनिक तकनीक और क्षेत्रीय पुलिस की भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल के निर्देशन में, पुलिस कंट्रोल रूम सेक्टर-06 भिलाई में आयोजित एक विशेष बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्री अभिषेक झा ने जिले की सभी पेट्रोलिंग टीमों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए।
पेट्रोलिंग पार्टियों को निर्देशित किया गया कि वे "त्रिनयन एप" का पूर्ण उपयोग करते हुए अपने क्षेत्र के सभी निजी और सरकारी CCTV कैमरों का विवरण दर्ज करें। विशेष रूप से बैंक, स्कूल, अस्पताल, पेट्रोल पंप, मोबाइल टावर और अन्य सार्वजनिक स्थानों को प्राथमिकता देने को कहा गया। यदि कोई कैमरा एंट्री शेष रह जाती है, तो उसे गूगल मैप के जरिए तुरंत लोकेट करके ऐप में अपडेट करना होगा।
इसके साथ ही साइबर अपराध नियंत्रण के लिए "साइबर प्रहरी मिशन" को सक्रिय करते हुए, प्रत्येक पेट्रोलिंग पार्टी को स्थानीय नागरिकों, दुकानदारों, ऑटो चालकों, विद्यार्थियों और युवाओं को जोड़कर 'साइबर प्रहरी ग्रुप' बनाने के निर्देश दिए गए। इन ग्रुप्स में ओटीपी फ्रॉड, सोशल मीडिया हैकिंग, बैंकिंग धोखाधड़ी जैसे विषयों पर समय-समय पर जागरूकता फैलाने और महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर 1930 व पोर्टल www.cybercrime.gov.in की जानकारी साझा करने को कहा गया है।
अपराधियों पर त्वरित नियंत्रण के लिए सभी पेट्रोलिंग वाहनों को एक CUG (क्लोज यूजर ग्रुप) सरकारी मोबाइल नंबर आवंटित किया गया है, जिसे वाहन के चारों ओर स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा। इससे आम जनता सीधे तौर पर क्षेत्रीय पुलिस टीम से संपर्क कर सकेगी।
इसके अलावा, चोरी या संदेहास्पद वाहनों की पहचान और जाँच त्रिनयन एप के ज़रिए की जाएगी, जिससे चोरीशुदा वाहनों की जानकारी तुरंत साझा की जा सकेगी।
बैठक के अंत में सभी थाना प्रभारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि पेट्रोलिंग टीम दिए गए निर्देशों का पालन सक्रिय रूप से कर रही है या नहीं, इसकी साप्ताहिक समीक्षा भी की जाएगी।