स्कूल बसों की सख्त जांच: सुरक्षा मानकों पर 248 बसों की जांच, 23 में मिली खामियाँ
1.सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत बसों की जांच का दूसरा चरण
2. 81 बसों की जांच में 15 में खामी, ₹8,000 समन शुल्क वसूल
3. दो दिन में कुल 248 बसों की जांच, 23 पर कार्रवाई
4. चालकों की आंखों की जांच में 40 को मिली स्वास्थ्य संबंधी सलाह
5. बचे हुए वाहनों पर किया जाएगा औचक निरीक्षण
भिलाई। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप स्कूली छात्र-छात्राओं के सुरक्षित परिवहन को सुनिश्चित करने हेतु, 15 जून 2025 को दुर्ग ट्रैफिक पुलिस एवं परिवहन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में स्कूल बसों की जांच शिविर का आयोजन किया गया। यह अभियान भिलाई के सेक्टर-06 पुलिस ग्राउंड में संपन्न हुआ, जिसमें कुल 81 बसों की जांच की गई और कई अहम खामियों का खुलासा हुआ।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइनों के तहत स्कूली बच्चों के सुरक्षित परिवहन को प्राथमिकता देते हुए, दुर्ग ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग ने संयुक्त रूप से 15 जून 2025 को सेक्टर-06 पुलिस ग्राउंड, भिलाई में स्कूल बस जांच शिविर का आयोजन किया। इस जांच शिविर के दूसरे चरण में जिले के 6 शैक्षणिक संस्थानों की 81 बसों की बारीकी से जांच की गई।
जांच प्रक्रिया में सबसे पहले बसों का पंजीकरण किया गया, जिसके बाद दस्तावेजों की गहन पड़ताल की गई। इस दौरान रजिस्ट्रेशन, फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट, इंश्योरेंस, पीयूसी, रोड टैक्स और ड्राइवर के लाइसेंस की जांच की गई। यांत्रिक जांच के अंतर्गत हेडलाइट, ब्रेक लाइट, इंडिकेटर, स्टीयरिंग, टायर, सीटें, क्लच, हॉर्न, वाइपर और रिफ्लेक्टर आदि की स्थिति का निरीक्षण किया गया।
सुरक्षा मापदंडों की जांच के तहत यह देखा गया कि बसों में GPS, CCTV कैमरा, स्पीड गवर्नर, इमरजेंसी विंडो, स्कूल का नाम व संपर्क नंबर, फर्स्ट ऐड बॉक्स, फायर एक्सटिंगुइशर और "स्कूल बस" की स्पष्ट पहचान चिन्हित हैं या नहीं। जांच के दौरान बिना वाइपर, खराब शीशे और बिना लाइसेंस सहित 15 बसों में खामियां पाई गईं, जिन पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत चालान कर ₹8,000 समन शुल्क वसूला गया।
इस शिविर के दौरान ड्राइवरों की आंखों की भी जांच की गई, जिसमें 40 चालकों को दृष्टि से संबंधित समस्याएं पाई गईं। उन्हें चश्मा पहनने और नंबर बदलवाने की सलाह दी गई।
दो दिवसीय इस शिविर में कुल 22 शैक्षणिक संस्थानों की 248 स्कूल बसों की जांच की गई, जिनमें से 23 में तकनीकी या दस्तावेज संबंधी खामियाँ पाई गईं। सभी बसों को खामियाँ दूर करने के निर्देश दिए गए और ₹17,000 समन शुल्क वसूला गया। भविष्य में जिन बसों की जांच नहीं हो सकी है, उन पर औचक निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई की
जाएगी।