12वीं की छात्रा जो पैरों से करती है सारा काम:कहा- डॉक्टर बनना चाहती हूं; रायपुर में मुख्यमंत्री ने भी की पेंटिंग की तारीफ

12वीं की छात्रा जो पैरों से करती है सारा काम:कहा- डॉक्टर बनना चाहती हूं; रायपुर में मुख्यमंत्री ने भी की पेंटिंग की तारीफ

रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में सोमवार को 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से प्रतिभाशाली बच्चों के कार्यों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस स्टॉल में सबसे ज्यादा चर्चा कांकेर की भावना साहू की रही। दरअसल बचपन से ही विशेष बीमारी के कारण भावना के दोनों हाथ काम नहीं करते है लेकिन भावना अपना हर काम पैरों से कर लेती है।

12वीं कक्षा में पढ़ने वाली भावना साहू ना सिर्फ पैरों से काम करती है बल्कि अच्छी ड्राइंग और पेंटिंग भी कर लेती हैं। भालबेड़ा गांव की रहने वाली है भावना ने बताया कि वह बायो सब्जेक्ट से पढ़ाई कर रही है और डॉक्टर बनना चाहती है। 

भाई से सीखा पेंटिंग और ड्राइंग करना

भावना अपना सारा काम खुद से करती है। खाना खाने से लेकर पढ़ाई-लिखाई करने, पेंटिंग करने और मोबाइल ऑपरेट करने जैसे सारे काम वह आसानी से पैरों से कर लेती है। भावना ने कहा कि जन्म से ही मेरे दोनों हाथ ऐसे ही हैं। जब छोटी थी तब मेरे भैया स्कूल जाते थे और मुझे भी स्कूल जाने की इच्छा होती थी।

भाई को देखकर ही मैंने स्कूल जाना शुरू किया और उन्हें देखकर मैंने लिखना सीखा है। मैंने पेंटिंग और ड्राइंग करना अपने भाई से सीखा है। मुझे पेंटिंग करना अच्छा लगता है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्कूल शिक्षा मंत्री बृज मोहन अग्रवाल ने भावना से मुलाकात कर उनकी प्रतिभा देखी और भावना की तारीफ की।

डॉक्टर बनने का सपना

नक्सल प्रभावित क्षेत्र के गरीब परिवार से आने वाली है भावना साहू ने बताया कि मेरा डॉक्टर बनने का सपना है । मैं बायो सब्जेक्ट लेकर पढ़ाई कर रही हूं। आगे नीट की तैयारी करने के लिए मुझे मदद और जरूरत है। साथ ही मुझे आगे पढ़ाई के लिए कम्प्यूटर की आवश्यकता भी है।

स्टूडेंट्स ने कहा- PM की स्पीच सुनकर अच्छा लगा

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम परीक्षा पर चर्चा में आई स्टूडेंट वर्षा शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री का स्पीच सुनकर अच्छा लगा । पीएम ने बहुत सारी बातें बताई कि कैसे स्ट्रेस से बचा जाए। मुझे सबसे अच्छी बात यह लगी कि उन्होंने अपने इम्पोर्टेड समय से 3 से 4 घंटे का वक्त स्टूडेंट को दिया।