33 साल बाद भी जिंदा है संघर्ष की चिंगारी: पावर हाउस गोलीकांड के शहीद मजदूरों को श्रद्धांजलि

छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा 1 जुलाई को करेगा शहीदों को नमन, श्रम संहिता का विरोध और 9 जुलाई की ट्रेड यूनियन हड़ताल में लेगा हिस्सा

भिलाई के पावर हाउस स्टेशन पर 33 साल पहले हुए गोलीकांड में जान गंवाने वाले 17 मजदूरों को छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा हर साल शहीद के रूप में याद करता है। इस बार भी 1 जुलाई को विभिन्न जिलों से आए संगठन के सदस्य और शहीदों के परिजन उन्हें श्रद्धांजलि देंगे और वर्तमान श्रम कानूनों के खिलाफ विरोध दर्ज कराएंगे।

भिलाई। भिलाई के पावर हाउस स्टेशन पर 33 वर्ष पहले हुए ऐतिहासिक मजदूर गोलीकांड की बरसी पर छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा 1 जुलाई को उन 17 मजदूरों को शहीद का दर्जा देते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेगा। यह आयोजन हर वर्ष की तरह इस बार भी भव्य रूप में होगा, जिसमें दुर्ग, भिलाई, बालोद, राजहरा, बिलासपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, डोंगरगढ़ सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों से बड़ी संख्या में संगठन के सदस्य और आमजन शामिल होंगे।

मोर्चा के अध्यक्ष जनकलाल ठाकुर और वरिष्ठ नेता भीमराव बागड़े ने प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि आज भी उनकी लड़ाई मजदूरों के हक के लिए जारी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चार श्रम संहिताएं मजदूर विरोधी हैं और इन्हीं के खिलाफ आवाज उठाते हुए 9 जुलाई को होने वाली देशव्यापी ट्रेड यूनियन हड़ताल में मोर्चा सक्रिय रूप से भागीदारी करेगा।

कार्यक्रम में शहीद मजदूरों के परिजन भी मौजूद रहेंगे जो सरकार से न्याय और पुरानी मांगों की पूर्ति की गुहार लगाएंगे। छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा का यह आंदोलन एक बार फिर राज्य में श्रमिक चेतना को जीवित करने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो सकता है।