35 साल पहले रखा गया था नाम 'विवेकानंद मार्ग', अब स्थापित हुई स्वामी जी की प्रतिमा : विधायक ललित चंद्राकर

कचरा फेंके जाने वाले स्थान को सौंदर्यीकृत कर बनाया प्रेरणा स्थल, 92 वर्षीय वृद्ध से कराया गया अनावरण

35 साल पहले रखा गया था नाम 'विवेकानंद मार्ग', अब स्थापित हुई स्वामी जी की प्रतिमा : विधायक ललित चंद्राकर

रिसाली में वर्षों से उपेक्षित एक मार्ग अब जन प्रेरणा का केंद्र बन गया है। जहां पहले लोग कचरा फेंकते थे, उसी स्थान पर अब स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित कर सौंदर्यीकरण कार्य किया गया है। दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने इसका लोकार्पण करते हुए बताया कि इस मार्ग को नागरिकों ने पहले ही ‘विवेकानंद मार्ग’ नाम दे दिया था, जिसकी आज सार्थकता सिद्ध हुई है।

रिसाली। एक समय था जब कृष्णा टॉकीज से आशीष नगर की ओर जाने वाले मार्ग पर लोग केवल कचरा फेंका करते थे, लेकिन अब यह स्थान स्वामी विवेकानंद की प्रेरक प्रतिमा और सुंदर दृश्यावली के साथ नई पहचान बना रहा है। दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने इस मार्ग पर सौंदर्यीकरण कार्य का लोकार्पण करते हुए स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया।

विधायक ने बताया कि इस मार्ग को ‘विवेकानंद मार्ग’ के नाम से नागरिक वर्षों पहले पहचान दे चुके हैं। प्रतिमा स्थापना और सौंदर्यीकरण कार्य पार्षद मनीष यादव की पहल पर संपन्न हुआ, जिनका इससे पहले भी आदिवासी समाज भवन मार्ग की कलात्मक साज-सज्जा में योगदान रहा है। कार्यक्रम में दुर्ग सांसद प्रतिनिधि दीपक पप्पू चंद्राकर, मण्डल अध्यक्ष अनुपम साहू, पार्षद रमा साहू समेत बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

मानवता का उदाहरण बने विधायक
कार्यक्रम के दौरान एक भावुक क्षण तब सामने आया, जब 92 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक हनुमान सिंह कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। विधायक ललित चंद्राकर ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर उन्हें मंच तक लाया और प्रतिमा अनावरण का सम्मान उन्हें सौंपा। यह दृश्य देख सभी लोग भाव-विभोर हो उठे।