दुबई से 4000 लोग ऑपरेट कर रहे सट्टा एप, सीबीआई जांच में हुआ बड़ा खुलासा

ईओडब्ल्यू की चार्जशीट में सामने आई सट्टा नेटवर्क की सच्चाई, बड़े अधिकारियों और राजनेताओं तक पहुंचता था पैसा

दुबई से 4000 लोग ऑपरेट कर रहे सट्टा एप, सीबीआई जांच में हुआ बड़ा खुलासा

छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा एप के जरिए चल रहे बड़े सट्टेबाजी नेटवर्क का खुलासा हुआ है। ईओडब्ल्यू की चार्जशीट और सीबीआई जांच में सामने आया कि दुबई में बैठे 4000 लोग इस अवैध कारोबार को चला रहे हैं। इनमें से अधिकतर लोग छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं, जिनके लिए सौरभ चंद्राकर ने 120 से अधिक विला खरीद रखे हैं। सीबीआई की छापेमारी से पहले ही इस पूरे रैकेट की पटकथा लिखी जा चुकी थी। फरवरी में सीबीआई की टीम रायपुर जेल में बंद महादेव एप के आरोपियों से मिली थी, जहां से उन्हें बड़े सुराग हाथ लगे थे।

 रायपुर (ए)।  फरवरी में रायपुर जेल में सीबीआई अधिकारियों ने महादेव सट्टा एप से जुड़े आरोपियों से पूछताछ की थी। इस दौरान पता चला कि दुबई में बैठे 4000 से अधिक लोग अब भी इस ऑनलाइन सट्टेबाजी के कारोबार को चला रहे हैं। ईओडब्ल्यू की चार्जशीट, जो मार्च 2024 में पेश की गई थी, उसमें भी इसका जिक्र किया गया था।

सूत्रों के अनुसार, ये लोग महादेव बुक, रेड्डी अन्ना और फेयर प्ले जैसे एप्स के लिए चेकर्स का काम करते हैं। इन सभी को मोबाइल, लैपटॉप और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने की जिम्मेदारी जिशान रजा, वेदप्रकाश मिश्रा और आदर्श साहनी की है।

अधिकारियों तक पहुंचता था पैसा
सीबीआई को जानकारी मिली कि 2021 से 2023 के बीच इस सट्टा कारोबार से जुड़े लोग कुछ आईपीएस अधिकारियों को हर महीने पैसे देते थे, जो तत्कालीन मुख्यमंत्री निवास तक पहुंचते थे। हालांकि, ईओडब्ल्यू की चार्जशीट में किसी भी अफसर या राजनेता का नाम दर्ज नहीं किया गया है।

भाजपा नेता नरेश गुप्ता ने सीबीआई को कई बार पत्र लिखकर इन अधिकारियों की संलिप्तता के बारे में जानकारी दी थी। फरवरी में उन्होंने सीबीआई निदेशक को पत्र भेजकर बताया कि किन अधिकारियों को कितनी राशि दी जाती थी। इसके बाद सीबीआई की टीम रायपुर पहुंची और पत्र में नामित अधिकारियों और नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की।

  • प्रमुख आरोपी और उनकी भूमिका:
    सौरभ चंद्राकर – भिलाई का रहने वाला, दुबई से महादेव बुक सहित अन्य सट्टा एप्स का संचालन करता है।
  • रवि उप्पल – सौरभ चंद्राकर का बिजनेस पार्टनर, दुबई में रहकर नेटवर्क का प्रबंधन करता है।
  • गौरव सोनी – पिंटू उर्फ शुभम सोनी का भाई, ऑनलाइन प्लेटफार्म के कार्यों में सहयोग करता है।
  • पिंटू उर्फ शुभम सोनी – भिलाई का निवासी, दुबई में रहकर सट्टा कारोबार का प्रमुख संचालन करता है।
  • राघव गौतम – गुजरात का निवासी, दुबई में महादेव बुक के हेड ऑफिस के माध्यम से ओटीपी और लॉगिन संबंधी कार्य संभालता है।

हवाला के जरिए चलता है पूरा खेल
सीबीआई को इनपुट मिले हैं कि दुबई में बैठे 4000 पैनल ऑपरेटर्स का हिसाब-किताब हर महीने होता है। इनसे आने वाले पैसों में से 25-30% हिस्सा ऑपरेटर्स रख लेते हैं और बाकी रकम हवाला के जरिए सौरभ चंद्राकर व रवि उप्पल तक पहुंचाई जाती है।

रायपुर से दुबई जाकर बसे चंद्र कुमार रुपवानी की टीम इस सट्टा कारोबार से जुड़े पैसों के सेटलमेंट का काम देखती है। इसके अलावा, सौरभ चंद्राकर ने ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए कई शैल कंपनियां खोल रखी हैं।

स्पोर्ट्स बज और आईफा अवार्ड
सौरभ चंद्राकर ने अपनी कंपनी स्पोर्ट्स बज के जरिए 2022 में अबू धाबी में हुए आईफा अवार्ड को स्पॉन्सर किया था। इसके अलावा, उसने सिया इन्फोटेक और स्पोर्ट्स बज इवेंट मैनेजमेंट नाम की कंपनियां भी बनाई हैं, जिनके जरिए वह सट्टे के पैसे को सफेद करता है।

सीबीआई की रेड से पहले ही इस पूरे मामले की जानकारी ईओडब्ल्यू की चार्जशीट में दर्ज थी, लेकिन इसमें अफसरों और राजनेताओं के नाम नहीं थे। वहीं, सीबीआई को मिले इनपुट के आधार पर अधिकारियों और नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। महादेव सट्टा एप से जुड़े इस पूरे रैकेट की परतें अब धीरे-धीरे खुल रही हैं।