नवा रायपुर में एकीकृत उपनगरों के विकास को मिलेगी गति और क्षेत्र में बसाहट को मिलेगा बढ़ावा- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर नवा रायपुर अटल नगर के लेयर 2 में एकीकृत उपनगर के विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मौजूदा नियमों को अधिक सरल और व्यावहारिक बनाया गया है। यह कदम क्षेत्र में बसाहट और निवेश को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह बदलाव सुनिश्चित करेगा कि इन आवश्यक सुविधाओं का विकास उपनगर के भीतर अधिक प्रभावी ढंग से हो सके।
वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि सामाजिक सुविधाओं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, सामुदायिक भवन, और धार्मिक स्थलों के लिए आरक्षित क्षेत्र को न्यूनतम 5 प्रतिशत किया गया है, जो पहले अधिकतम 5 प्रतिशत था। इसके अलावा आवासीय गतिविधियों को प्राथमिकता देते हुए, पूर्व में निर्धारित अधिकतम 50 प्रतिशत क्षेत्र को बदल कर अब न्यूनतम 50 प्रतिशत क्षेत्र को आवासीय उपयोग के लिए अनिवार्य किया गया है। इससे आमजन के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी और लोगों को आवास की बेहतर सुविधा मिलेगी।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) संबंधित प्रावधान को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिसूचना/नियमों के अनुरूप करते हुए संबंधित प्रावधानों में सुधार किया गया है, ताकि इन नियमों में एकरूपता लाई जा सके। साथ ही पर्यावरण संरक्षण और जनस्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, एकीकृत उपनगरों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को अनिवार्य किया गया है।
छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 के तहत 10 प्रतिशत क्षेत्र को खुली जगहों जैसे गार्डन और खेल के मैदानों के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान किया गया है।