बगावत का इनाम? निर्दलीय पार्षद को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने से कांग्रेस में मचा घमासान

बगावत का इनाम? निर्दलीय पार्षद को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने से कांग्रेस में मचा घमासान

रायपुर नगर निगम में कांग्रेस के भीतर फूट खुलकर सामने आ गई है। निर्दलीय जीतकर लौटे पार्षद आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं और समाजिक संगठनों में आक्रोश फूट पड़ा है। इस फैसले के विरोध में राजीव भवन में हंगामा हुआ, इस्तीफे दिए गए और प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है।

 
 रायपुर। रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी को लेकर कांग्रेस के भीतर सियासी घमासान मच गया है। पार्टी ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव जीतने वाले पार्षद आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बना दिया, जिससे संगठन के वफादार नेता संदीप साहू और उनके समर्थक भड़क उठे।

इस निर्णय के खिलाफ वार्ड-1 के कांग्रेस पार्षद संदीप साहू ने अपने समर्थकों के साथ राजीव भवन पहुंचकर तीखा विरोध जताया। उन्होंने पार्टी के प्रभारी महामंत्री मलकित सिंह गैदू के कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए इस निर्णय को पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ बताया। संदीप साहू का दावा है कि उन्हें शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने बजट से पहले नेता प्रतिपक्ष घोषित किया था। यह फैसला PCC पर्यवेक्षक प्रतिमा चंद्राकर की मौजूदगी में, पार्षदों और विधायकों से चर्चा के बाद हुआ था और इसकी सूचना महापौर व आयुक्त को भी दे दी गई थी।

पूर्व में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने का आदेश

लेकिन बुधवार देर रात अचानक कांग्रेस ने दस नगर निगमों के लिए नए नेता प्रतिपक्षों की सूची जारी की, जिसमें रायपुर से आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष और जयश्री नायक को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया गया। इस फैसले से आहत होकर शहर जिला कांग्रेस के संयुक्त महामंत्री लीलाधर साहू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा, "अगर यह निर्णय वापस नहीं लिया गया तो साहू समाज और कांग्रेस कार्यकर्ता मिलकर जोरदार प्रदर्शन करेंगे।"

16 अप्रैल को जारी आदेश

इधर, साहू समाज युवा प्रकोष्ठ रायपुर के जिला संयोजक देवदत्त साहू ने बताया कि वे इस फैसले की निंदा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और जिलाध्यक्ष गिरीश दुबे को ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि 24 घंटे के भीतर संदीप साहू को पुनः नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया गया तो समाज शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेगा। देवदत्त का कहना है कि “बिना सूचना के संदीप साहू को हटाना न केवल असंवैधानिक है बल्कि साहू समाज का अपमान भी है।”

विरोधियों का आरोप है कि जब कांग्रेस ने आकाश तिवारी को टिकट नहीं दिया, तब उन्होंने पार्टी से विद्रोह कर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गए। अब पार्टी उसी बागी नेता को वापस लेकर नेता प्रतिपक्ष का ताज पहनाती है, जो संगठन की भावना के खिलाफ है। इस घटनाक्रम ने रायपुर की राजनीति को गर्मा दिया है और कांग्रेस के भीतर असंतोष की लपटें तेज होती जा रही हैं। आने वाले दिनों में यह मामला और गहराने के आसार हैं।