बीएससी की सीटें 7026 से बढ़कर हो जाएंगी 7326:कांकेर, महासमुंद, कोरबा में खुलेंगे नए सरकारी नर्सिंग कॉलेज, बीएससी की 300 सीटें बढ़ेगी

प्रदेश में राज्य सरकार ने कांकेर, महासमुंद और कोरबा में तीन नए सरकारी नर्सिंग कॉलेज खोलने की मंजूरी दे दी है। प्रत्येक कॉलेज में 100-100 सीटें होंगी। इससे प्रदेश में बीएससी की सीटें 7026 से बढ़कर 7326 हो जाएंगी। इससे अच्छी रैंक वाली छात्राओं को सरकारी कॉलेज में एडमिशन लेने का मौका मिलेगा।
निजी कॉलेजों की तुलना में सरकारी कॉलेजों में फीस बेहद कम है। इसलिए सरकारी कॉलेजों में प्रवेश के लिए सीटों से ज्यादा आवेदन मिलते हैं। राज्य सरकार से मंजूरी के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नए कॉलेज खोलने की तैयारी शुरू कर दी है।
तीनों नए कॉलेजों में अगले साल (2024-25) में प्रवेश दिए जाएंगे। अभी तीनों जगहों पर पहले से ही मेडिकल कॉलेजों का संचालन हो रहा है। केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत अब जहां भी नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे, वहां नर्सिंग कॉलेज भी अनिवार्य रूप से खोले जाएंगे। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों के लिए नर्सिंग स्टाफ की जरूरत होती है। इसलिए सरकारी नर्सिंग कॉलेज जरूरी है।
10 करोड़ का फंड केंद्र बाकी राज्य सरकार देगी
जहां भी नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे, वहां नया नर्सिंग कॉलेज के लिए केंद्र सरकार 10 करोड़ रुपए फंड देगी। नए मेडिकल कॉलेज कवर्धा, जांजगीर, गीदम व मनेंद्रगढ़ में प्रस्तावित है। कवर्धा को छोड़कर कहीं भी नर्सिंग कॉलेज नहीं है इसलिए तीनों स्थानों पर नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे।
चारों कॉलेज अगले साल शुरू होने की संभावना है। इस साल केंद्र का पत्र नहीं मिलने के कारण ये कॉलेज नहीं खुल पाए हैं। कांकेर, महासमुंद और कोरबा पहले से ही मेडिकल कॉलेज खुल गए हैं, इसके बावजूद केंद्र सरकार से 10 करोड़ का फंड मिलेगा। बाकी फंड की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। एक कॉलेज शुरू करने में करीब 229 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
कॉर्पोरेशन के नक्शे से 465 करोड़ का एक्सट्रा भार
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने तीनों नर्सिंग कॉलेजों के लिए नक्शे बना लिए हैं। एक नर्सिंग कॉलेज में 229 करोड़ रुपए खर्च होगा, लेकिन सीजीएमएससी के नक्शे के अनुसार बिल्डिंग बनाने पर 384 करोड़ रुपए खर्च आएगा।
यानी एक कॉलेज पर 155 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। वहीं तीन कॉलेजों पर 465 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च होंगे। यह बजट कैसे मिलेगा, इस पर डीएमई कार्यालय ने मंथन शुरू कर दिया है। कॉलेज बिल्डिंग के साथ ब्वायज, गर्ल्स व इंटर्न हॉस्टल के अलावा स्टाफ क्वार्टर भी बनाए जाएंगे। इससे छात्राओं व टीचरों को आवासीय सुविधा भी मिल सकेगी।
सिर्फ 8 सरकारी कॉलेज
प्रदेश में अभी 8 सरकारी नर्सिंग कॉलेज हैं। नए कॉलेज खुलने के बाद इनकी संख्या 11 हो जाएगी। वहीं राज्यभर में निजी कॉलेजों की संख्या 137 है। सरकारी कॉलेज खुलने से उन जरूरतमंद छात्राओं को फायदा होगा, जो ज्यादा फीस होने के कारण निजी कॉलेज में एडमिशन नहीं ले पाती हैं।