भरतनाट्यम में विलक्षण प्रतिभा, भिलाई की आद्या पांडे को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के 15वें स्थापना दिवस पर आद्या को शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रशस्ति पत्र और आशीर्वाद मिला

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बाल अधिकार संरक्षण आयोग के स्थापना दिवस पर राज्यभर से 5 प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित किया गया, जिनमें भिलाई की 15 वर्षीय भरतनाट्यम नृत्यांगना आद्या पांडे भी शामिल हैं। आद्या को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के साथ-साथ शास्त्रीय नृत्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
भिलाई। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के 15वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्य के 5 विलक्षण प्रतिभा संपन्न बच्चों को सम्मानित किया गया। इस प्रतिष्ठित सूची में भिलाई की नन्हीं नृत्यांगना आद्या पांडे का चयन हुआ, जो शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार जीत चुकी हैं।
आद्या पांडे को रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा तथा राज्य के अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने आद्या को उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद देते हुए उनके कला क्षेत्र में योगदान की सराहना की।
15 वर्षीय आद्या, डीपीएस रिसाली भिलाई की कक्षा 11वीं की छात्रा हैं और उन्होंने इसी वर्ष CBSE बोर्ड परीक्षा में 93% अंक हासिल किए हैं। उन्होंने मात्र 4 वर्ष की उम्र से भरतनाट्यम की विधिवत शिक्षा आरंभ की थी, जो अब तक उन्हें 25 राष्ट्रीय और 1 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दिला चुकी है। आद्या को "नृत्य मंजरी", "नृत्य प्रतिभा", "नृत्य श्रेष्ठ" और "नृत्य गौरव" जैसे प्रतिष्ठित अलंकरण मिल चुके हैं।
वे इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से भरतनाट्यम में डिप्लोमा प्राप्त कर चुकी हैं। इसके अलावा, भारत सरकार के सांस्कृतिक संसाधन एवं प्रशिक्षण केंद्र (CCRT) द्वारा उन्हें वर्ष 2023 में जूनियर स्कॉलरशिप के लिए चयनित किया गया है, जो अगले 8 वर्षों तक जारी रहेगी।
आद्या के गुरु, नृत्य चूडामणि डॉ. जी. रतीश बाबू, "नृत्यति कलाक्षेत्रम" संस्था के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित कर रहे हैं। उनके पिता श्री दिनेश पांडे, भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत हैं और माता श्रीमती सोनिया पांडे, एक समर्पित गृहिणी हैं। यह सम्मान न केवल आद्या की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि दुर्ग-भिलाई और पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है।