जनसमस्याओं को लेकर पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, 18 बिंदुओं पर जताई चिंता

भारतमाला परियोजना, खाद संकट, बिजली कटौती, मनरेगा व नगर निगम की अनियमितताओं सहित ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की समस्याओं पर तत्काल कार्रवाई की मांग

जनसमस्याओं को लेकर पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, 18 बिंदुओं पर जताई चिंता

दुर्ग ग्रामीण विधानसभा की जमीनी समस्याओं को लेकर पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को कलेक्टर अभिजीत सिंह से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने 18 प्रमुख मुद्दों को लेकर ज्ञापन सौंपा, जिसमें ग्रामीणों की रोजमर्रा की परेशानियों से लेकर प्रशासनिक अनदेखी तक शामिल है। इस मौके पर ताम्रध्वज साहू ने कहा कि सरकार की योजनाएं केवल कागजों तक सीमित हैं, जबकि आम जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही है।

दुर्ग। दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को लेकर पूर्व गृहमंत्री एवं पूर्व विधायक ताम्रध्वज साहू ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ दुर्ग कलेक्टर अभिजीत सिंह से मुलाकात कर 18 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ रिसाली नगर निगम में व्याप्त समस्याओं पर भी कलेक्टर का ध्यान आकर्षित किया।

ताम्रध्वज साहू ने मीडिया से चर्चा में कहा कि भारतमाला परियोजना, प्रस्तावित नई रेलवे लाइन, खाद की किल्लत, मनरेगा में कार्यदिवसों की कटौती, अघोषित बिजली कटौती, मुख्यमंत्री आवास की किस्तों में देरी जैसे मुद्दों पर प्रशासनिक लापरवाही के कारण आमजन त्रस्त हैं।

ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि भारतमाला परियोजना के अंतर्गत ग्राम थनौद, चंगोरी, बिरेझर आदि में निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग से बाढ़ की आशंका बनी हुई है। इसके समाधान के लिए शिवनाथ नदी पर पुल निर्माण को 500 मीटर पूर्व स्थानांतरित कर कॉलम ब्रिज बनाया जाए, और थनौद में अंडरग्राउंड ब्रिज की ऊंचाई 6 मीटर की जाए।

साथ ही मुआवजा वितरण में विसंगतियों की ओर इशारा करते हुए प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि प्रभावित किसानों को उनके भूमि मूल्य का न्यायसंगत मुआवजा नहीं मिल रहा है। इसी तरह, प्रस्तावित परमालकसा-बलौदाबाजार-खरसिया रेलवे लाइन से प्रभावित गांवों में भूमि बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध को हटाकर केवल चिन्हित जमीनों पर रोक लगाई जाए। मनरेगा में मजदूरों को 100 दिन रोजगार की गारंटी, डीएपी खाद और अन्य जरूरी खाद की आपूर्ति, और 15वें वित्त आयोग की राशि के भेदभावपूर्ण वितरण पर भी आपत्ति जताई गई।

रिसाली नगर निगम में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा निर्वाचित महापौर और पार्षदों को विकास कार्यों से दूर रखने और अनुचित ठेकेबाजी, जैसे कि 6.50 करोड़ के बजाय 12.50 करोड़ की स्वच्छता निविदा जारी करने पर नाराजगी जाहिर की गई। साथ ही, अनुभवहीन कर्मचारियों को प्रभारी बनाए जाने से कार्य प्रभावित हो रहा है। प्रतिनिधिमंडल में महापौर शशि सिन्हा, ब्लॉक अध्यक्ष प्रदीप चंद्राकर, पूर्व जनपद सदस्य योगिता चंद्राकर, पार्षद जहीर अब्बास, और अन्य जनप्रतिनिधि शामिल थे।