करंट की चपेट में आने से मजदूर की मौत....पूर्व पार्षद के घर में काम करते समय हुई दुर्घटना

भिलाई के छावनी थाना क्षेत्र अंतर्गत वार्ड 27 शास्त्री नगर में बुधवार सुबह एक मजदूर की करंट लगने से मौत हो गई। मजदूर वार्ड 28 के पूर्व पार्षद जोहन सिन्हा के घर में सैफ्टिक टैंक निर्माण में काम कर रहा था। दुर्घटना के बाद मजदूर को बीएम शाह हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। छावनी पुलिस मामले की जांच कर रही है।
छावनी पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक शास्त्री नगर में वार्ड 28 के पूर्व पार्षद जोहन सिन्हा के घर में सैप्टिक टैंक के गड्ढे का निर्माण चल रहा था। टैंक में पानी भरा हुआ था। वहां चंद्रमणि नाम का 35 वर्षीय श्रमिक पानी निकालने के लिए गड्ढे में उतरा। उसे यह पता नहीं था कि पानी में करंट दौड़ रहा है। अचानक वो करंट की चपेट में आ गया और तड़पने लगा। उसको देखकर वहां काम कर रहे लोगों में हड़कंप मच गया।
आनन फानन में बिजली सप्लाई को रोका गया। इसके बाद चंद्रमणि को बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया। उसे तुरंत पास के निजी अस्पताल बीएम शाह ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर सुनते ही पूरे मोहल्ले में हड़कंप मच गया। मृतक के परिजन और पहचान वाले अस्पताल में ही हंगामा करने लगे। उन्होंने मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू किया। बाद में बड़ी मुश्किल से पुलिस अधिकारियों और अतिरिक्त तहसीलदार ने समझाया तब जाकर वो लोग माने।
पूर्व पार्षद जोहन सिन्हा ने पुलिस को बताया कि चंद्रमणि निजी ठेकेदार राम अवतार के अधीन काम करता था। बुधवार सुबह वह काम करने के लिए आया था। सैप्टिक टैंक से पानी भरा होने के चलते पहले पानी को निकालने का काम किया जा रहा था। इसके लिए ठेकेदार ने स्वयं की मोटर लगाई थी। मोटर खराब हो जाने से उसने चंद्रमण को पानी में उतरने के लिए कहा, लेकिन करंट सप्लाई को बंद नहीं किया। इससे बिजली का करेंट पानी में फैल गया और चंद्रमणि उसकी चपेट में आ गया।
इधर चंद्रमणि की मौत के बाद नाराज परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। यह हंगामा सुबह से लेकर देर शाम तक चला। परिजन मुआवजे की मांग पर डटे रहे। बाद में अधिकारी और भाजपा नेताओं ने बीच बचाव किया। परिजनों का कहना है कि मृतक के दो छोटे-छोटे बच्चे और पत्नी हैं। ऐसे में उनका भरण पोषण कैसे होगा। इसलिए जब तक उचित मुआवजा नहीं मिल जाता वे शव का पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे और न ही अंतिम संस्कार करेंगे। खबर लिखे जाने तक बंद कमरे में परिजन और कुछ नेताओं के बीच समझौता चल रहा है।