छत्तीसगढ़ में 4000 से अधिक स्कूल होंगे मर्ज, शहरों से गांवों में शिफ्ट होंगे टीचर
शहरों में 7305 शिक्षक अतिरिक्त, 297 स्कूल बिना टीचर; 7 मई से शुरू होगा स्कूलों का पुनर्गठन

छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को संतुलित और सशक्त बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर में स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया है। जहां एक ओर गांवों के सैकड़ों स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, वहीं शहरों में हजारों टीचर्स जरूरत से ज्यादा हैं। इस असंतुलन को ठीक करने के लिए करीब 4000 स्कूलों को एकीकृत किया जाएगा और शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाएगा।
रायपुर। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के उद्देश्य से युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी है। इसके तहत 7 मई से स्कूलों और 15 मई से शिक्षकों के पुनर्गठन की शुरुआत की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत उन स्कूलों को पास के बड़े स्कूलों में मर्ज किया जाएगा, जहां छात्र संख्या राष्ट्रीय मानकों से कम है।
शासन के आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल राज्य में 5,484 एकल शिक्षक स्कूल हैं, जहां सिर्फ एक शिक्षक कार्यरत है। वहीं, 297 स्कूल ऐसे भी हैं, जहां कोई शिक्षक ही नियुक्त नहीं है। दूसरी ओर, शहरी क्षेत्रों में 7305 शिक्षक आवश्यकता से अधिक पदस्थ हैं, जिससे संसाधनों का असमान वितरण हो रहा है।
लगभग 4000 से अधिक स्कूलों को मर्ज करने की योजना है। शहरों में पदस्थ अतिरिक्त शिक्षकों को ग्रामीण और जरूरतमंद स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। फिलहाल, जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, वहां आसपास के स्कूलों से शिक्षकों की अस्थायी तैनाती की गई है।
शहरों के स्कूलों में तैनात अतिरिक्त शिक्षक अब असमंजस और तनाव की स्थिति में हैं, क्योंकि उन्हें स्थानांतरण की संभावना से जूझना पड़ रहा है। वहीं, लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने इस संबंध में स्पष्ट टाइमलाइन जारी कर दी है ताकि पूरी प्रक्रिया व्यवस्थित तरीके से पूरी की जा सके।