CG में गोधन और राजीव गांधी न्याय स्कीम बंद होगी:सरकार बदलने के बाद अटकलें तेज....

छत्तीसगढ़ में नई सरकार के आने के बाद भूपेश सरकार की कई योजनाओं को बंद करने की अटकलें हैं। कुछ योजनाओं के नाम और कलेवर बदले जा सकते हैं। पिछली सरकार की कई योजनाओं को लेकर बीजेपी मुखर रही है। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आगे बैठकें लेकर समीक्षा की जाएगी। जिन योजनाओं को बंद करना होगा बंद करेंगे, जो जरूरी होंगी उन पर विचार किया जाएगा।
भूपेश सरकार की नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना और राजीव मितान क्लब जैसी योजनाओं को मौजूदा सरकार बंद कर सकती है। जबकि बिजली बिल हाफ, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल, भूमिहीन कृषि मजदूर योजनाओं के नाम और स्वरूप बदले जा सकते हैं।
2018 में सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नारा दिया- छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, नरवा-गरवा-घुरवा अउ बाड़ी, एला बचाना हे संगवारी। इस योजना के तहत गावों में सिंचाई के साधन उपलब्ध कराना, पशुधन के लिए गौठानों की व्यवस्था, मवेशियों के गोबर और मूत्र से खाद बनाने के साथ ही गांवों में बाड़ी बनाकर फल-फूल और सब्जियां उगाना था।
योजना का मकसद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाना था। हालांकि इस योजना को लेकर कई विवाद भी जुड़े रहे। योजना में हुए कथित भ्रष्टाचार और सामने आई शिकायतों को लेकर विष्णुदेव साय सरकार जांच बैठा सकती है और योजना को बंद कर सकती है। भूपेश सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से एक इस योजना की शुरुआत 20 जुलाई 2020 को हुई थी। इसके तहत पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदी की जाने लगी। भूपेश सरकार का दावा था कि इस योजना से 551.31 करोड़ पशुपालकों, चरवाहों, गौठान समितियों और महिला स्वसहायता समूहों को बांटे गए हैं। गोबर खरीदी की ये योजना नई सरकार बंद कर सकती है, क्योंकि गोबर खरीदी जैसी योजनाओं का वादा बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में नहीं किया है।
धान खरीदी में समर्थन मूल्य से अतिरिक्त राशि सब्सिडी के रूप में किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत दी जाती थी। 21 मई 2020 से इस योजना की शुरुआत हुई। तत्कालीन सरकार का दावा था कि प्रदेश के 24.52 लाख किसानों को 21,913 करोड़ रुपए इस योजना के तहत दिए गए। बीजेपी ने किसानों को 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी में एक मुश्त 3100 रुपए देने का वादा अपने घोषणा पत्र में किया है। जाहिर है इसके बाद राजीव गांधी किसान न्याय योजना का कोई औचित्य नहीं रह जाता, लिहाजा नई सरकार इसे बंद कर सकती है।
कांग्रेस सरकार की इस योजना के तहत प्रदेश में 13 हजार 242 राजीव युवा मितान क्लब का गठन किया गया। हर साल 1 लाख रुपए सभी क्लबों को आवंटित किए गए। दावा था कि इस राशि का उपयोग खेल, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन में किया जाता है। इस योजना में 4 लाख सदस्यों को जोड़ा गया और 132.48 करोड़ बांटे गए थे।