ट्रेनें रद्द : पार्सल कार्यालय के बाहर 12 टन सामान डंप, नहीं भेज पा रहा रेलवे

ट्रेनें रद्द : पार्सल कार्यालय के बाहर 12 टन सामान डंप, नहीं भेज पा रहा रेलवे

राजधानी से होकर गुजरने वाली ट्रेनें लगातार रद्द होने से यात्री पहले ही परेशान थे, अब लोगों को पार्सल भी समय पर नहीं मिल रहे हैं। ट्रेनों के रद्द होने और समय में बदलाव की वजह से केवल एक हफ्ते में ही 12 टन से ज्यादा पार्सल गोदाम बाहर के डंप हो गए हैं। लोग न तो पार्सल भेज पा रहे हैं और न ही बाहर से आने वाले पार्सल लोगों को समय पर मिल पा रहे हैं। इस वजह से उनकी परेशानी और बढ़ गई है।

पिछले 7 दिनों से ज्यादातर रूट की ट्रेनों रद्द रही हैं। इस वजह से पार्सल लगातार डंप हो रहे हैं। कार्यालय के बाहर खुले में सामान रखने की वजह से अब खराब होने का भी डर बढ़ रहा है। जिन लोगों ने पार्सल भेजने के लिए रसीद कटवा ली है वे अब और परेशान हो रहे हैं। क्योंकि रसीद कटने के बाद रेलवे सामान वापस नही करता है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में लोग अपने सामान की जानकारी लेने रोजाना पार्सल कार्यालय पहुंच रहे हैं। पार्सल कार्यालय के अफसरों की माने तो ट्रेन रद्द हैं तो सामान कैसे भेजेंगे। ट्रेन का परिचालन जैसे ही शुरू होगा वैसे ही सामान भेज दिया जाएगा। रायपुर रेलवे स्टेशन से रोजाना 112 ट्रेनों की आवाजाही होती है। इन ट्रेनों में सामान भेजने के लिए पहले दो बोगी रहती थी। यही कारण था कि यात्रियों का सामान कार्यालय से उसी दिन भेज दिया जाता था।

व्यापारी बुक करवा रहे बोगी, लेकिन इसमें नहीं दे सकते लोगों के पार्सल : वर्तमान में रेलवे ने ज्यादातर ट्रेनों की एक बोगी को प्राइवेट व्यापारियों के हवाले कर दी है। उस बोगी में व्यापारी अपना या फिर अपने लोगों का सामान भेजते हैं। रेलवे जिस सामान को बुक करता है उसे इस बोगी में नही भेजा जा सकता है। रेलवे के पास एक ट्रेन में सिर्फ एक बोगी होती है। इसमें सिर्फ चार टन माल ही जाता है।

ऐसे में मान लिया जाए कि एलटीटी और शालीमार जाने वाली ट्रेन में सामान भेजना है तो इसके बीच करीब 16 स्टेशन पड़ते है। ट्रेन रायपुर पहुंचते तक पैक हो जाती है। काफी मुश्किल से थोड़ी जगह मिलती भी है तो उसमें जो जरूरी सामान रहता है वही भेजा जाता है, जो नहीं जा पाता उसे दूसरे दिन भेजते है।

रेलवे को हर माह हो रहा 6 लाख का घाटा : पार्सल कार्यालय से रोजाना 850 पैकेज भेजे जाते हैं। रायपुर से राउरकेला, टाटा, आसनसोल, राजेंद्र नगर और चक्रधरपुर सामान भेजा जाता था, लेकिन ट्रेनों के रद्द होने के कारण पिछले एक सप्ताह से इन शहरों में सामान नही भेजा जा रहा है। इसमें किराना का सामान जैसे धनिया, मिर्च, हल्दी, सूखी मच्छी आदि सामान जाता है।

रेलवे के पार्सल कार्यालय परिसर में बिखरे पड़े हैं सामान।

व्यापारी प्राइवेट वाहन से भेज रहे सामान

पार्सल कार्यालय के सूत्रों की माने तो रेलवे की वर्तमान स्थिति देखकर बड़े व्यापारी अब ट्रेन से सामान भेजना बंद कर रहे हैं। व्यापारी ट्रांसपोर्ट से सामान भेजने लगे हैं।

उन्होंने बताया कि रेलवे यदि साउथ विहार की दोनों पार्सल बोगी दे दे तो पार्सल कार्यालय का भार कुछ हल्का हो जाएगा। जिन लोगों का पार्सल कार्यालय के बाहर बारिश होने पर सामान भींग कर खराब हो रहा है। उन लोगों का लाखों का सामान भी खराब होने से बच जाएगा। इससे रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के लोगों को फायदा होगा। अफसरों की माने तो 15 अक्टूबर के बाद ट्रेनें शुरू होगी उसके बाद इन सामान को भेजा जाएगा।