हजारों शिवलिंग से मिलकर बना है हजारेश्वर महादेव का मंदिर, 'मोटे महादेव' के नाम से है मशहूर
इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यहां का शिवलिंग है जिसका आकार साढ़े 5 फीट है.शिवलिंग के सामने मां पार्वती आराधना करते हुए बैठी हुई हैं.खास बात यह है कि इस शिवलिंग में 1108 छोटे-छोटे शिवलिंग बने हुए हैं.इसके साथ ही इस शिवलिंग के ऊपर 55 शिव मुख बने हुए हैं जो कि इस शिवलिंग को अपने आप में एक आकर्षण प्रदान करते हैं.

मध्य प्रदेश के शहर ग्वालियर का अध्यात्म और धर्म से काफी गहरा जुड़ाव रहा है.यहां लगभग सभी भगवानों के ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर हैं. इसके साथ ही भगवान शंकर के भी यहां पर कई प्राचीन और दुर्लभ मंदिर मौजूद हैं. जिनके दर्शन पूजन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. इन्हीं प्राचीन और दुर्लभ मंदिरों में से एक शहर की गेंडे वाली सड़क स्थित रामकुई पुल के पास बना हजारेश्वर महादेव मंदिर है, जो अपनी विशेष आकार के शिवलिंग और मान्यताओं को लेकर लोगों के बीच खासा चर्चा में रहता है.तो आइए जानते हैं इस मंदिर के शिवलिंग की क्या है विशेषताएं…
मंदिर के पुजारी मनमोहन भार्गव ने बताया कि यह काफी प्राचीन मंदिर है और इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यहां का शिवलिंग है जिसका आकार साढ़े 5 फीट है.शिवलिंग के सामने मां पार्वती आराधना करते हुए बैठी हुई हैं.खास बात यह है कि इस शिवलिंग में 1108 छोटे-छोटे शिवलिंग बने हुए हैं.इसके साथ ही इस शिवलिंग के ऊपर 55 शिव मुख बने हुए हैं जो कि इस शिवलिंग को अपने आप में एक आकर्षण प्रदान करते हैं. इसके अलावा इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की जलहरि में दो सर्प शिव के साथ हैं और जलहरी के नीचे 6 सर्प बने हुए हैं जोकि शिवजी का पहरा देते हुए प्रतीत हो रहे हैं. इसके साथ ही मंदिर में अति प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर भी है. जिसकी बनावट वा आकार काफी पुराना है.साथ ही मंदिर के द्वार पर द्वारपाल भी बने हुए हैं.
मोटे महादेव के नाम से पुकारते हैं भक्त
मंदिर के पुजारी भार्गव ने जानकारी देते हुए बताया कि इस शिवलिंग की मोटाई काफी है और ऊंचाई भी लगभग साढ़े 5 फीट है.महादेव के इस विशाल रूप और आकार को देखकर यहां आने वाले भक्त इन्हें मोटे महादेव के नाम से पुकारते हैं.
मिलता है 1108 शिवलिंग के अभिषेक का पुण्य
पुजारी भार्गव की मानें तो इस शिवलिंग में 1108 से अधिक छोटे-छोटे शिवलिंग बने हुए हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां पर पूजा पाठ करने व भगवान का अभिषेक करने से आपको 1108 शिवलिंग के अभिषेक का पुण्य प्राप्त होता है.इसलिए यहां पर शिवरात्रि के दिन लोगों का तांता लग जाता है. लोग सुबह से ही लंबी लाइनों में यहां अभिषेक के लिए आ जाते हैं वा भगवान का श्रृंगार भी करते हैं. इसके साथ ही विशाल फूल बंगले का भी निर्माण किया जाता है.जो मंदिर को एक आकर्षक रूप प्रदान करता है.
विशेष पत्थर से बना है शिवलिंग
हजारेश्वर मंदिर का शिवलिंग एक विशेष पत्थर से बनाया गया है.इस पत्थर की विशेषता यह है कि इसे दूर से देखने पर ऐसा लगता है, मानों शिवलिंग पर तांबे की परत चढ़ी हुई है. जो कि अपने आप में अदभुत है. बताया जाता है कि तामिया पत्थर से बनाया शिवलिंग लोगों की मनोकामना को पूर्ण करता है. जो भी भक्त सच्चे मन से यहां पर पूजा-पाठ वा आराधना के साथ मनौती मांगते हैं तो भगवान उनकी अर्जी को सुनते हैं और उन्हें उनकी इच्छा अनुसार फल भी प्रदान करते हैं.