आंधी के बाद अंधेरे में डूबा रायपुर: 10 घंटे की ब्लैकआउट से 10 लाख लोग बेहाल

पेड़ गिरने और हाईटेंशन तार टूटने से बिगड़ी आपूर्ति, गर्मी और मच्छरों ने किया हाल बेहाल

आंधी के बाद अंधेरे में डूबा रायपुर: 10 घंटे की ब्लैकआउट से 10 लाख लोग बेहाल

रायपुर में गुरुवार शाम आए तेज आंधी-तूफान ने राजधानी की बिजली व्यवस्था को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। करीब 10 घंटे तक शहर के 150 से अधिक इलाकों में ब्लैकआउट रहा, जिससे करीब 10 लाख लोग गर्मी, अंधेरे और मच्छरों के बीच बेहाल रहे। हालात इतने बिगड़ गए कि कलेक्टर और SSP को खुद रातभर सड़कों पर उतरकर हालात संभालने पड़े।

रायपुर। गुरुवार शाम 4 बजे तेज आंधी-तूफान के बाद राजधानी रायपुर की बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई। शहर के 150 से अधिक मोहल्लों में अंधेरा छा गया। टिकरापारा, कबीर नगर, डीडी नगर, मोहबा बाजार, सड्डू, गुढ़ियारी, बोरिया खुर्द समेत दर्जनों इलाके रातभर बिजली के बिना जूझते रहे।

शिकायत केंद्रों पर न फोन उठा, न राहत पहुंची
लोगों ने बिजली विभाग के कॉल सेंटर में बार-बार फोन मिलाया, लेकिन या तो फोन उठाए ही नहीं गए या कर्मचारियों ने सिर्फ "टीम भेज रहे हैं" कहकर कॉल काट दिया। कबीर नगर स्थित एक बिजली शिकायत केंद्र पर तो कर्मचारी रात 12 बजे सेंटर बंद कर भाग गया। लोग मौके पर पहुंचे तो देखा कि सेंटर लावारिस पड़ा है और शिकायतों की घंटियां बजती ही रह गईं।

प्रशासन सड़क पर उतरा, फिर भी राहत देर से
स्थिति को गंभीर देख रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, SSP लाल उमेद सिंह और निगम कमिश्नर विश्वदीप खुद सड़क पर उतरे। अफसरों ने रात 2 से 3 बजे तक सड़कों पर रहकर लोगों की समस्याएं सुनीं और बिजली कर्मचारियों से बात की। फिर भी अधिकतर जगहों पर बिजली तड़के 2 बजे से लेकर सुबह 5 बजे के बीच बहाल हो पाई।

हाइटेंशन तार और पेड़ गिरने से काम ठप
बिजली आपूर्ति बाधित होने की प्रमुख वजह हाइटेंशन तारों का टूटना और जगह-जगह पेड़ों का गिरना रहा। बिजली विभाग की टीमों ने मरम्मत कार्य शुरू किया, लेकिन संसाधनों और स्टाफ की कमी के चलते कार्य में देरी होती रही।

जनता बेहाल, सिस्टम फेल
बुजुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चे गर्मी और मच्छरों से पूरी रात परेशान होते रहे। शहर में हर तरफ बिजली विभाग और प्रशासन की बदइंतजामी की चर्चा रही। लोग सवाल कर रहे हैं कि जब राजधानी की हालत यह है, तो बाकी जिलों में स्थिति कितनी बदतर होगी।