छत्तीसगढ़ देश में स्वच्छता में तीन साल से नंबर-1, रायपुर भी टॉप-3 की कोशिश में

रायपुर. छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में इस बार सफाई और पेयजल भी बड़ा मुद्दा होगा। चुनाव से पहले महा-सर्वे में यह बात आई है कि प्रदेश के 17 फीसदी लोग यहां सफाई व्यवस्था और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता को अपने मताधिकार का एक आधार बनाएंगे। भास्कर के सर्वे में 8382 लोगों ने हिस्सा लिया। रायपुर का सवाल है, पिछले तीन-चार साल में सफाई राष्ट्रीय स्तर पर शहर की रैंकिंग काफी बेहतर हुई है, लेकिन टॉप-3 में आने का संघर्ष अब भी जारी है। देशभर के राज्यों में छत्तीसगढ़ ने घरों से कचरा इकट्ठा करने, उसे गीले और सूखे में अलग करने तथा प्रोसेसिंग सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। खुले में शौच मुक्त राज्यों में छत्तीसगढ़ को को सबसे पहले ओडीएफ प्लस राज्य का दर्जा मिला। राज्य के 61 नगरीय निकायों को भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया।
2021 में छत्तीसगढ़ के सबसे ज्यादा नगरीय निकाय पुरस्कृत हुए हैं। ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का अकेला राज्य है। सफाई पर रायपुर, बिलासपुर जैसे बड़े शहरों के अलावा अंबिकापुर जैसे एक लाख से कम जनसंख्या वाला छोटा शहर भी लगातार श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है। एक लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों में अंबिकापुर लगातार देश में नंबर-1 रहा है। पेयजल पर पूरे प्रदेश में करीब ढाई हजार करोड़ के काम हो रहे हैं। इसमें अमृत मिशन के अलावा स्मार्ट सिटी के तहत भी 24 घंटे वाटर सप्लाई जैसी योजनाओं पर काम किया जा रहा है। हालांकि प्रदेश की राजधानी रायपुर पिछले छह सालों से टॉप-3 पर आने के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। रायपुर टॉप-7 तक पहुंच गया।
यहां से टॉप-3 तक पहुंचने का रास्ता तय करना था लेकिन 2022 में रैंकिंग एेसी गिरी कि रायपुर सातवें से 21वें स्थान पर पहुंच गया। पेयजल के मामले में राज्य समृद्ध है। राज्य में 45 से ज्यादा बड़े और मध्यम बांध हैं, जो बारिश में 90 से 100 फीसदी तक भर जाते हैं। गंगरेल बांध से राजधानी रायपुर को पानी मिलता है।वहीं अन्य दूसरे बांधों से संबंधित नगरीय निकायों को जलआपूर्ति होती है। पेयजल के मामले में रायपुर की स्थिति अच्छी है। देश में औसत प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की आपूर्ति 150 लीटर है, वहीं रायपुर 190 लीटर से ज्यादा पानी दे रहा है। साल 2019, 2020 और 2021 में स्वच्छता के मामले में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य रहा। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर भी स्वच्छता के मामले में काफी आगे है। 2016 से हो रहे सर्वे में रायपुर लगातार आगे बढ़ता रहा। 2021 में देश के सबसे स्वच्छ शहरों में रायपुर सातवें स्थान पर पहुंच गया।
बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट रायपुर में
राजधानी से करीब 15 किमी दूर सकरी में प्रदेश के सबसे बड़े कचरा प्रोसेसिंग प्लांट में रोज 500 टन कचरा प्रोसेस किया जा रहा है। प्लांट शुरू होने के बाद रायपुर स्वच्छता मिशन में टॉप-10 में शामिल हुआ। रायपुर और बिलासपुर में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली से अन्य निकायों में रोजाना 1600 टन कचरे का निपटान किया जा रहा है।
22 लाख घरों तक पहुंचे नल
जल जीवन मिशन के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 22 लाख से ज्यादा घरेलू नल कनेक्शन पहुंच गए हैं। राज्य के करीब 44 हजार स्कूलों, 42 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों और 17 हजार ग्राम पंचायत भवनों व सामुदायिक उपस्वास्थ्य केंद्रों में टेप नल से शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है। राज्य में प्रति व्यक्ति रोजाना 55 लीटर शुद्ध पानी सप्लाई हो रहा है।
स्वच्छता दीदी कांसेप्ट सफल
छत्तीसगढ़ देश का ऐसा एक मात्र प्रदेश है, जहां पर नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी के सिद्धांतों के अनुरूप 9000 से अधिक स्वच्छता दीदी घर-घर से 1600 टन गीला और सूखा कचरा एकत्र कर रही हैं। यह कांसेप्ट कामयाब हुआ है। शहरों में 800 से ज्यादा सार्वजनिक शौचालय बनाए गए। महिलाओं के पिंक टॉयलेट का कांसेप्ट भी सफल रहा है।
रायपुर: 24 घंटे पानी की तैयारी
राजधानी रायपुर लोगों को 24 घंटे पानी देने वाला राज्य का पहला शहर बनने जा रहा है। रायपुर स्मार्ट सिटी करीब 132 करोड़ रुपए की लागत से शहर में 24 घंटे पानी पहुंचाने की योजना पर काम कर रहा है। दो चरणों में हो रहे इस काम के पहले फेज में 53 किमी और दूसरे चरण में 157 किमी पाइपलाइन बिछाई जा रही है। इससे घने शहर में 2 लाख लोगों के घरों में 24 घंटे पानी पहुंचेगा। सबसे पहले घने शहर के 14 वार्डों में दिन-रात पानी शुरू किया जाएगा।