एक लाख 47 हजार 500 करोड़ का बजट पेश:छत्तीसगढ़ में इस बार भी कोई नया टैक्स नहीं....

एक लाख 47 हजार 500 करोड़ का बजट पेश:छत्तीसगढ़ में इस बार भी कोई नया टैक्स नहीं....

छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने शुक्रवार को विधानसभा में एक लाख 47 हजार 500 करोड़ का बजट पेश किया। बजट का थीम अमृतकाल की नींव और GREAT CG पर है। सरकार ने छत्तीसगढ़ को 2047 तक विकासशील से विकसित राज्य बनाने के लिए विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने का ऐलान किया है। जिसे नाम दिया गया है 'अमृत काल- छत्तीसगढ़ विजन एट 2047।

साय सरकार के पहले बजट में राज्य की GDP को 5 लाख करोड़ से अगले 5 साल में 10 लाख करोड़ तक ले जाने का टारगेट रखा गया है। इसके लिए आधारभूत रणनीतिक स्तंभ के रूप में फंडामेंटल स्ट्रैटेजिक 10 स्तंभ तय किए गए हैं।

  • अमृतकाल की नींव और GREAT CG की थीम पर है बजट।
  • यूथ को रोजगार, स्किल डेवलपमेंट, महिलाओं और किसानों को फोकस पर रखा गया है।
  • कृषक उन्नति योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, चिराग योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से जुड़ी सुविधाओं को बढ़ाया गया है।

UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए सीट 3 गुना बढ़ाई गई

बलरामपुर में 100 सीटर स्पोर्ट्स सेंटर और हॉस्टल के लिए 3 करोड़ 10 लाख का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए द्वारिका में यूथ हॉस्टल पिछली सरकार द्वारा बनाया गया था। अब 65 बच्चों को सरकार की ओर से छात्रवृत्ति देकर तैयारी कराई जाती है। इन 65 बच्चों की सीटों को सीधा तीन गुना के लगभग बढ़ाते हुए 200 बच्चों के लिए UPSC की तैयारी करने का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री खाद्यान्न सुरक्षा योजना में 5 साल की बढ़ोतरी

पोषण और खाद्य सुरक्षा के तहत प्रधानमंत्री ने गरीब कल्याण योजना के तहत देश भर के 80 करोड़ हितग्राहियों के लिए निशुल्क चावल वितरण की अवधि में 5 साल की वृद्धि का फैसला लिया है। राज्य शासन ने मुख्यमंत्री खाद्यान्न सुरक्षा योजना के हितग्राहियों को आगामी 5 सालों तक निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।

'GYAN' आर्थिक विकास का केंद्र बिंदु

हमारा जो पहला पिलर है, उसमें हम आर्थिक विकास के जो केंद्र बिंदु होंगे वह ज्ञान होगा। नॉलेज तो होगा ही लेकिन इस ज्ञान का हमारा अर्थ है, जी अर्थात गरीब ए अर्थात युवा ए अर्थात अन्नदाता और न अर्थात नारी। ज्ञान के माध्यम से गरीब युवा अन्नदाता और नारी से हमारा आर्थिक विकास होगा।

भारी मन से मुझे कहना पड़ रहा है कि पिछले 5 सालों में पिछली सरकार ने इन चारों समूहों के साथ अन्याय किया है। गरीबों का अधिकार छीना गया, यूरिया डीएपी की कालाबाजारी हुई। दो रुपए में गोबर खरीद कर गुणवत्ता विहीन कंपोस्ट जबरन बेचा गया। किसानों से कई तरह की लूट हुई। माता बहनों को इन्होंने 500 प्रति माह यानी साल का 6000 देने का वादा किया था, मगर किसी को 6 रुपए तक नहीं मिला।