ऑनलाइन ठगी गिरोह का पर्दाफाश: ठाणे और कोलकाता से तीन आरोपी गिरफ्तार
डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाला गिरोह बेनकाब

भिलाई। ऑनलाइन ठगी के दो बड़े मामलों में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। ठाणे (महाराष्ट्र) और न्यू टाउन (कोलकाता) से तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। इस गिरोह के मास्टरमाइंड सद्दाम मुल्ला को ठाणे से तीन दिन की लगातार रेकी के बाद गिरफ्तार किया गया, जबकि पुराने भिलाई थाना क्षेत्र के मामले में दो अन्य आरोपी—नरेन्द्र कुमार उर्फ टिंकु और उपेन्द्र सिंह को कोलकाता से हिरासत में लिया गया।
कैसे दिया जाता था ठगी को अंजाम?
गिरोह के सदस्य फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते और दावा करते कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल किसी अपराध में हुआ है। इसके बाद, डिजिटल अरेस्ट से बचाने के बहाने वे पीड़ितों को लाखों रुपये बैंक खातों में ट्रांसफर करने के लिए मजबूर कर देते थे।
मामले का खुलासा और पुलिस की कार्रवाई
16 नवंबर 2024 को भिलाई नगर निवासी इंद्रप्रकाश कश्यप (51 वर्ष) ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें एक अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को ट्राई (TRAI) अधिकारी बताकर उनके आधार कार्ड से जुड़ी आपराधिक गतिविधि का हवाला दिया। इस धोखाधड़ी में उनसे कुल ₹49,01,196 की ठगी की गई। शिकायत के आधार पर भिलाई नगर थाने में अपराध क्र. 469/2024 के तहत मामला दर्ज किया गया।
दुर्ग पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र शुक्ला (भापुसे) के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई शुरू की गई। इस जांच में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) श्री सुखनंदन राठौर, नगर पुलिस अधीक्षक श्री सत्य प्रकाश तिवारी और उप पुलिस अधीक्षक (ACCU) श्री अजय सिंह की निगरानी में एक विशेष टीम बनाई गई।
गिरफ्तारी की पूरी कहानी
पुलिस ने बैंक खातों की जानकारी निकालकर इस गिरोह तक पहुंच बनाई। पीड़ित का पैसा आईसीआईसीआई बैंक के खाता क्रमांक 145405002945 (वलुज संभाजीनगर, महाराष्ट्र) में ट्रांसफर किया गया था। जांच में पता चला कि यह खाता आरोपी बापु श्रीधर भराड़ का है, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने बीड और पुणे से दो अन्य आरोपियों—सोमनाथ मछिन्द ढोबले और शेख नवीद को गिरफ्तार किया।
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि यह खाता ठाणे निवासी सद्दाम मुल्ला के हाथों में सौंपा गया था। इसके बाद पुलिस टीम ठाणे पहुंची और लगातार तीन दिनों की रेकी के बाद सद्दाम मुल्ला को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से ठगी में प्रयुक्त मोबाइल फोन बरामद किया गया।
अन्य गिरफ्तारियां: इसी ठगी गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर न्यू टाउन (कोलकाता) में दबिश दी और आरोपी नरेन्द्र कुमार उर्फ टिंकु और उपेन्द्र कुमार को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि इन आरोपियों ने भी बैंक खातों की यूजर आईडी और पासवर्ड ठाणे के सद्दाम मुल्ला को उपलब्ध कराए थे, जिसने इन्हें आगे राजस्थान के तीन अन्य व्यक्तियों को सौंप दिया।
गिरोह के काम करने का तरीका
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फर्जी कॉल सेंटर के जरिए लोगों को सरकारी अधिकारी बनकर धमकाना।
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डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर करवाना।
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कई राज्यों में बैंक खातों का नेटवर्क बनाकर पैसों का ट्रांजेक्शन करना।
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ठगी की राशि का 3% कमीशन लेकर बाकी रकम अन्य खातों में ट्रांसफर करना।
गिरफ्तार आरोपी
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सद्दाम मुल्ला (31 वर्ष) – ठाणे, महाराष्ट्र
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नरेन्द्र कुमार उर्फ टिंकु (44 वर्ष) – झारखंड
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उपेन्द्र सिंह उर्फ पी.के. (26 वर्ष) – झारखंड
जब्त सामान
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4 एंड्रॉइड मोबाइल फोन
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बैंक खातों की डिटेल और पासवर्ड
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डिजिटल लेनदेन से जुड़े दस्तावेज
संयुक्त टीम की भूमिका
इस कार्रवाई में सउनि. शमित मिश्रा, सउनि. हीरामन रामटेके, आरक्षक शाहबाज खान, शिव मिश्रा, गजेन्द्र साहू और भावेश पटेल की अहम भूमिका रही।
आगे की कार्रवाई
गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया है और उनसे जुड़े अन्य सहयोगियों की तलाश जारी है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस गिरोह ने कितने अन्य राज्यों में लोगों को ठगा है।