कैसे करें दुर्गा मूर्ति विसर्जन? जानें विधि और मुहूर्त, इस दिन जवारे का उपाय, बना देगा धनवान!
आज 24 अक्टूबर को दशहरा का त्योहार मनाया जा रहा है. जो लोग पंडालों में मां दुर्गा की मूर्तियां रखे हैं, वे उनकी पूजा करेंगे और 25 अक्टूबर को दुर्गा विसर्जन करेंगे. आइए जानते हैं काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से दुर्गा मूर्ति विसर्जन की विधि, शुभ मुहूर्त और दशहरा पर जवारे का ज्योतिष उपाय क्या है?

देशभर में आज 24 अक्टूबर को दशहरा का त्योहार मनाया जा रहा है. जो लोग पंडालों में मां दुर्गा की मूर्तियां रखे हैं, वे उनकी पूजा करेंगे और 25 अक्टूबर को दुर्गा विसर्जन करेंगे. इस बार दशहरा मंगलवार के दिन पड़ रहा है, इस वजह से मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन आज विजयादशमी पर नहीं होगा. मंगलवार के दिन मां दुर्गा को विदा नहीं करते हैं. मां दुर्गा की मूर्ति के पास आपने जो जवारे बोए हैं, उनसे जुड़ा एक उपाय करेंगे तो आप धनवान बन सकते हैं. आइए जानते हैं काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से दुर्गा मूर्ति विसर्जन की विधि, शुभ मुहूर्त और दशहरा पर जवारे का ज्योतिष उपाय क्या है?
दुर्गा मूर्ति विसर्जन 2023 का शुभ मुहूर्त कब से है?
मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन 25 अक्टूबर को रवि योग में होगा. उस दिन रवि योग सुबह 06:28 बजे से दोपहर 01:30 बजे तक है. उसके अलावा उस दिन वृद्धि योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है. फिर ध्रुव योग प्रारंभ हो जाएगा, जो पूरे दिन रहेगा. रवि योग और वृद्धि योग दोनों ही शुभ माने जाते हैं. मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन का कार्यक्रम सूर्योदय के बाद पूजा-पाठ करके शुरू कर सकते हैं.
दुर्गा मूर्ति विसर्जन की विधि और मंत्र
1. दुर्गा मूर्ति विसर्जन करने से पूर्व आप फूल, अक्षत्, सिंदूर, धूप, नैवेद्य, फल आदि से मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा करें.
2. उसके बाद मां दुर्गा की आरती करें. इसके लिए घी के दीपक का उपयोग करें. आप चाहें तो कपूर से भी आरती कर सकते हैं.
3. फिर आप और कुछ लोग मिलकर जयकारे के साथ मां दुर्गा की मूर्ति को स्थान से हटाकर वाहन पर रख दें. ताकि मूर्ति को किसी तालाब, पोखर या नदी के किनारे ले जा सकें.
4. आप घटस्थापना के पास बोए गए जवारे को परिवार में बांट दें, कलश स्थान से हटा दें. उसके जल को किसी पेड़ पर चढ़ा दें. पूजा और हवन सामग्री को मूर्ति के साथ रख लें, ताकि उनको भी विसर्जित किया जा सके.
5. अब आप ढोल-नगाड़ों की थाप पर मां दुर्गा को किसी तालाब, पोखर या नदी के किनारे लेकर जाएं. वहां मां दुर्गा को विदा करें, मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगें और अगले साल उनको फिर आने के लिए कहें. उसके बाद जयकारे के साथ मां दुर्गा की मूर्ति को विसर्जित कर दें.
दुर्गा विसर्जन मंत्र
1- रूपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवति देहि मे।
पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान् कामांश्च देहि मे।।
महिषघ्नि महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी।
आयुरारोग्यमैश्वर्यं देहि देवि नमोस्तु ते।।
2- गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि।
पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।।
जवारे के उपाय से बन सकते हैं धनवान
कलश स्थापना के समय बोए गए जवारे को परिवार के सदस्यों में बांटने के बाद उनमें कुछ जवारे अपने पास रख लें. उन जवारों को अपने धन स्थान या फिर तिजोरी में रख दें. इससे आपके धन और संपत्ति में होगी.