क्या है आतंकियों का काल नागरोटा कॉर्प्स, जम्मू में फिर शिफ्ट करने की क्यों उठी मांग?

जम्मू क्षेत्र में हाल में हुए आतंकी हमलों पर करण सिंह ने चिंता व्यक्त की है. कांग्रेस नेता करण सिंह ने सरकार से आग्रह किया कि जम्मू डिवीजन को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने और आतंकवाद से के निपटने के लिए जम्मू डिवीजन को चंडीगढ़ स्थित पश्चिमी कमान से हटाकर वापस नगरोटा कोर के अधीन कर दिया जाए.

क्या है आतंकियों का काल नागरोटा कॉर्प्स, जम्मू में फिर शिफ्ट करने की क्यों उठी मांग?

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकवाद सिर उठा रहा है. जंगलों में छिपकर कायरों की तरह आतंकी वार कर रहे हैं. कठुआ आतंकी हमले में हमारे पांच जवान शहीद हो गए. देश का खून उबल रहा है. इंडियन आर्मी भी लगातार आतंकियों को मारकर बदला ले रही है. मगर अब देश की एक ही आवाज है- घाटी से आतंकवाद का नामोनिशान मिटे. इस बीच आतंकियों से निपटने के लिए कांग्रेस के सीनियर नेता करण सिंह ने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक सुझाव दिया गया है. यह सुझाव है कि नागरोटा कॉर्प्स को फिर से जम्मू में शिफ्ट कर दिया जाए. जम्मू डिवीजन को फिर से नागरोटा कोर के हवाले कर दिया जाए. तो चलिए अब जानते हैं कि आखिर यह नागरोटा कॉर्प्स क्या है, आखिर इसे जम्मू में शिफ्ट करने की क्यों बात हो रही, अभी यह कहां है, यह कैसे आतंकियों के लिए काल है?

सबसे पहले जानते हैं कि आखिर करण सिंह ने रक्षा मंत्री क्या मांग की है और क्या सुझाव दिया. जम्मू क्षेत्र में हाल में हुए आतंकी हमलों पर करण सिंह ने चिंता व्यक्त की है. कांग्रेस नेता करण सिंह ने सरकार से आग्रह किया कि जम्मू डिवीजन को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने और आतंकवाद से के निपटने के लिए जम्मू डिवीजन को चंडीगढ़ स्थित पश्चिमी कमान से हटाकर वापस नगरोटा कोर के अधीन कर दिया जाए.

करण सिंह ने सरकार को क्या सुझाव दिया
करण सिंह ने कहा,’ मैं एक सुझाव रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी को जरूर देना चाहूंगा. कई सालों तक जम्मू डिवीजन नगरोटा कॉर्प्स के अधीन था, जिसका मुख्यालय जम्मू से मुश्किल से 30 मील दूर है. कुछ साल पहले किसी अजीब वजह से जम्मू डिवीजन को नगरोटा से हटाकर 200 मील से अधिक दूर चंडीगढ़ में पश्चिमी कमान के तहत रख दिया गया. मेरा मानना है कि सैन्य वातावरण में बेहतर और एकीकृत प्रभुत्व सुनिश्चित करने के लिए पुरानी व्यवस्था को बरकरार रखा जाना चाहिए. क्षेत्र पर निरंतर निगरानी रखने के लिए सैनिकों की संख्या बढ़ाना उपयोगी होगा.इसलिए मेरा सुझाव है कि जम्मू डिवीजन को नगरोटा कोर को वापस कर दिया जाए.’

क्या है नागरोटा कॉर्प्स?
अब जानते हैं कि आखिर यह नागरोटा कॉर्प्स क्या है? नागरोटा कॉर्प्स को XVI कॉर्प्स के नाम से जाना जाता है. ऐसा समझ लीजिए कि यह आतंकियों का काल है. यह भारतीय सेना की एक एक ऐसी टुकड़ी है, जिसे व्हाइट नाइट कॉर्प्स के नाम से भी जाना जाता है. नागरोटा कॉर्प्स यानी XVI कोर भारतीय सेना की एक कोर है. इसकी स्थापना 1 जून 1972 को लेफ्टिनेंट जनरल जेएफआर जैकब ने की थी. जैकब इसके पहले जनरल ऑफिसर कमांडिंग थे. इसका हेडक्वार्टर जम्मू जिले के नगरोटा छावनी में है.

आतंकियों का काल है
फिलहाल, इसके मौजूदा जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा हैं. व्हाइट नाइट कोर इंटरनेशनल बॉर्डर की सुरक्षा, नियंत्रण रेखा की पवित्रता बनाए रखने, आतंकवाद से लड़ने और राज्य में विकास कार्यक्रमों को अंजाम देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. यह कोर आतंकियों से लोहा लेने के लिए जानी जाती है. इसका नाम सुनकर ही आतंकियों के पसीने छूट जाते हैं.