दर्दनाक अग्निकांड: 'मैं मां को लेने जा रही हूं...' कहते हुए नीचे गई ममता; धुएं के गुबार में खामोश हुईं चीखें
गाजियाबाद के लोनी में एक टेंट की दुकान और मकान में भीषण आग लग गई। मकान में मौजूद नौ लोगों ने छत से कूदकर जान बचाई, जबकि दो महिलाओं की झुलसने से मौत हो गई।

दिल्ली:(A) गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना इलाके की लालबाग कॉलोनी में सोमवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे शार्ट सर्किट से टेंट की दुकान में आग लग गई। आग की लपटें मकान की तीसरी मंजिल तक पहुंच गई। कारोबारी के सात परिजनों ने पड़ोसी की छत पर कूदकर जान बचाई जबकि मां भरतो (74) व बहन ममता (40) की दम घुटने से मौत हो गई।
आग बुझाने में दमकल विभाग का एक कर्मचारी विनय भी घायल हो गया। दमकल कर्मियों ने करीब एक घंटे में आग पर काबू पाया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ममता की दो वर्ष पूर्व शादी हुई थी। वह कुछ दिनों पहले ही मायके आई थी। मां की वह काफी दुलारी थी। आग लगने के दौरान वह भी जान बचाने के लिए ऊपर पहुंच गई थी लेकिन जब नीचे से मां की चीख सुनाई दी तो उसने अपनी जान की परवाह नहीं की।
परिजनों ने उसे नीचे जाने से रोका लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी और मां को बचाने के प्रयास में खुद भी जान गवां बैठी। मकान में आग लगने से चारों तरफ धुएं का गुबार था। हर तरफ चीखपुकार गूंज रही थी। सतीश व परिवार के कुछ सदस्य जान बचाने के लिए तीसरी मंजिल पर पहुंचे। पीछे से ममता भी छत पर पहुंच गई। मां भरतो देवी मकान के निचले हिस्से में अकेली रह गई थीं।
यह जानकारी होने पर वह भाग कर मां के पास पहुंच गई। दम घुटने के कारण मां बेसुध हो रही थी। उन्होंने मां को लेकर निकलने का प्रयास किया लेकिन धुएं से ममता का दम घुटने लगा। वह वहीं बेहोश हो गई। आग से चेहरा, हाथ, पैर और शरीर के कई अंग भी जल गए।