खास खबर : भिलाई में केनाल रोड फेस-2 का काम शुरू होने से पहले हंगामा, 40 फीट की मार्किंग पर भड़के लोग
बेघर होने के डर से स्थानीय लोगों ने पार्षद के नेतृत्व में जताया विरोध, व्यवस्थापन के इंतजामों पर उठाए सवाल
भिलाई में केनाल रोड फेस-2 के निर्माण कार्य से पहले ही विवाद खड़ा हो गया है। शनिवार को जब पीडब्ल्यूडी की टीम 40 फीट की सड़क चौड़ाई के लिए मार्किंग करने पहुंची, तो स्थानीय निवासियों में आक्रोश फैल गया। लोगों ने बेघर होने के डर से पार्षद के साथ एकत्र होकर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और परियोजना की मौजूदा योजना पर पुनर्विचार की मांग उठाई।
भिलाई। शहर के बीच से गुजरने वाली केनाल रोड फेस-2 के निर्माण कार्य की तैयारी से पहले ही विवाद ने जोर पकड़ लिया है। शनिवार को पीडब्ल्यूडी की टीम जब नंदिनी रोड से कोहका तक प्रस्तावित सड़क के लिए 40 फीट चौड़ी मार्किंग करने पहुंची, तो स्थानीय निवासियों में अफरा-तफरी मच गई। अचानक बढ़ी सड़क चौड़ाई के कारण कई घर और दुकानें इसकी जद में आ गईं, जिससे लोगों में बेघर होने का डर बैठ गया। स्थिति को गंभीर होता देख वार्ड पार्षद मन्नान के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए और प्रशासनिक कार्रवाई के खिलाफ आवाज बुलंद की। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि विकास कार्यों के नाम पर उनकी रोजी-रोटी और आवास छीना जा रहा है, जो न्यायसंगत नहीं है।
पुराना वादा और नई परेशानी
बताया जा रहा है कि पहले भिलाई नगर निगम द्वारा केनाल रोड फेस-2 के लिए केवल 30 फीट की चौड़ाई तय की गई थी। उस समय कुछ प्रभावित परिवारों को व्यवस्थापन भी प्रदान किया गया था। लेकिन अब अचानक 40 फीट की मार्किंग से कई ऐसे लोग भी प्रभावित हो रहे हैं, जिन्हें पहले सुरक्षित माना जा रहा था।
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि कई सालों से वे वहां रह रहे हैं और अचानक हुए इस फैसले ने उनकी जिंदगी में अनिश्चितता भर दी है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि यदि सड़क चौड़ी करनी है तो पहले से तय 30 फीट के दायरे में ही काम हो।
व्यवस्थापन पर उठे सवाल
प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों को 1 बीएचके के मकान का प्रस्ताव दिया गया है, लेकिन लोगों का कहना है कि यह व्यवस्थापन नाकाफी है। एक ही घर में कई पीढ़ियां और परिवार रहते हैं, ऐसे में एक छोटे मकान में सभी का समायोजन संभव नहीं है। साथ ही, रोजगार के साधनों पर भी खतरा मंडरा रहा है क्योंकि अधिकांश परिवार वहीं से अपनी जीविका चलाते हैं।
वार्ड पार्षद मन्नान का विरोध
वार्ड पार्षद मन्नान ने भी इस मुद्दे पर प्रशासन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि उनके वार्ड में करीब 250 घर प्रभावित हो रहे हैं और पूरे मार्ग में हजारों घरों पर संकट आ खड़ा हुआ है। उन्होंने सवाल उठाया कि खुर्सीपार क्षेत्र में बनी केनाल रोड का भी सही तरीके से उपयोग नहीं हो रहा है, तो फिर आबादी के बीच से 40 फीट चौड़ी सड़क निकालने का क्या औचित्य है।
पार्षद ने सुझाव दिया कि यदि सड़क बनानी ही है तो नहर के दोनों ओर 20-20 फीट की सड़क बनाई जाए, जिससे विकास कार्य भी हो और आम लोगों का कम से कम नुकसान हो। केनाल रोड फेस-2 परियोजना ने एक बार फिर विकास बनाम विस्थापन की बहस को हवा दे दी है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन स्थानीय जनता की आशंकाओं को दूर कर समाधान की राह निकालता है या टकराव और बढ़ेगा।