गायत्री हॉस्पिटल का आयुष्मान रजिस्ट्रेशन हो सकता है कैंसिल.......
स्पर्श हॉस्पिटल सहित कई अस्पतालों का औचक निरीक्षण

(A). छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मनमाने तरीके से चिकित्सा की दुकान चलाने वालों पर स्वास्थ्य विभाग ने तेजी से लगाम लगानी शुरू कर दी है। जिले के बड़े निजी अस्पताल आरोग्यम का आयुष्मान योजना का रजिस्ट्रेशन समाप्त करने के बाद अब गायत्री हॉस्पिटल पर इस तरह की कार्रवाई की तलवार लटक रही है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सभी CMHO को मीटिंग लेकर निर्देशित किया है कि वो जिले की चिकित्सा व्यवस्था को ठीक करें। साथ आयुष्मान योजना के नाम मरीजों को भर्ती कर उनसे अधिक पैसे लेने और नर्सिंग होम एक्ट का पालन न करने वाले नर्सिंग होम और अस्पतालों पर कार्रवाई करें। इसके बाद से दुर्ग में का स्वास्थ्य अमला अलर्ट है।
दुर्ग जिले के नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ. अनिल शुक्ला अपनी टीम के साथ रात में अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी कर रहे हैं। डॉ. शुक्ला की टीम ने गुरुवार रात एक साथ भिलाई के लगभग आधा दर्जन से अधिक हॉस्पिटल में छापेमारी कर वहां का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें गायत्री हॉस्पिटल और रेनबो हॉस्पिटल में कई कमियां मिलीं। इसको लेकर उन्होंने नोटिस जारी किया है और सभी से दो दिन के भीतर जवाब मांगा है।
डॉ. आनंद शुक्ला ने बताया कि कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी और CMHO जेपी मेश्राम के निर्देश पर गुरुवार रात वो अपनी टीम को लेकर औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने गायत्री हॉस्पिटल, रेनबो हॉस्पिटल, भिलाई नगर्सिंग होम, स्पर्श हॉस्पिटल सहित कई अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। इसमें जहां जहां भी उन्हें जो कमियां मिली उन्हें ठीक करने के निर्देश देते हुए उन्हें नोटिस दिया गया है।
गायत्री हॉस्पिटल में मिली भारी अनियमितता
- निरीक्षण के दौरान गायत्री हॉस्पिटल प्रियदर्शिनी परिसर में भारी अनियमितताएं पाई गईं। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि वहां एक भी MBBS डॉक्टर नहीं था, जबकि उस समय IPD 13 मरीज उपचार के लिए बैठे थे।
- अस्पताल में जो मरीज भर्ती थे उनका उपचार इंटर्नशिप MBBS डॉक्टर से कराया जा रहा था। जो चिकित्सक वहां मिला वो राजीव लोचन कॉलेज में इंटर्नशिप कर रहा है और उसे MBBS डॉक्टर बताकर रखा गया है।
- इसके साथ ही यहां भी आरोग्यम और हाईटेक की तरह आयुष्मान से इलाज वारे मरीज से अतरिक्त नगद राशि जमा कराई गई थी। यहां पहले भी शिकायत मिली थी कि प्रबंधन आयुष्मान से इलाज नहीं कर रहा है।
- इसके बाद नोटिस का संतोष जनक जवाब भी नहीं दिया गया। संचालक से पूछा गया है कि क्यों ना इस हॉस्पिटल की आयुष्मान योजना की मान्यता को समाप्त करने की कार्रवाई की जाए।
- गायत्री हॉस्पिटल तीन मंजिला इमारत में संचालित है। इसके बाद भी यहां नर्सिंग होम एक्ट के नियम के तहत लिफ्ट नहीं लगाई गई है। जांच के दौरान दूसरी मंजिल में 7 मरीज भर्ती मिले। वहीं पूरे अस्पताल परिसर में गंदगी पसरी देखी गई। साफ सफाई ना होने से यहां मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल को जारी की गई नोटिस
रेनबो पर भी आयुष्मान के मरीजों से अधिक पैसा लेने का आरोप
नर्सिंग होम एक्ट की टीम ने सुपेला चंद्रा मौर्या के पास स्थित JE रोड में स्थित रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल को भी नोटिस जारी की है। उसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि वहां भर्ती मरीजों का आयुष्मान कार्ड से इलाज किए जाे के बाद भी उनसे अतरिक्त नगद राश जमा कराई गई है।
मरीजों के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने के लिए जो भी मरीज आते हैं उन्हें पहले तीन दिन तक नगद में भर्ती किया जाता है। उसके बाद उन्हें आयुष्मान में भर्ती किया जाता है। इतना ही नहीं हॉस्पिटल में आयुष्मान योजना से इलाज की की सुविधा होने के बाद भी वहां कोई बोर्ड या डिस्प्ले नहीं लगाया गया था।