सीएसईबी भिलाई में फायर सेफ्टी का गेम चेंजर ट्रेनिंग: ट्रांसफॉर्मर आग से निपटने की सीख ली कर्मचारियों ने
भिलाई। आज भिलाई-3 सीएसईबी सब-स्टेशन के परिसर में एक अभूतपूर्व फायर सेफ्टी ड्रिल का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण सत्र सीधे तौर पर हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न सब-स्टेशनों में हो रही ट्रांसफॉर्मर आग की घटनाओं के बाद आयोजित किया गया था।
क्या हुआ प्रशिक्षण में?
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फायर ऑफिसर नागेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में एसडीआरएफ टीम ने लाइव डेमो के जरिए दिखाया कि कैसे:
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5 सेकंड में इलेक्ट्रिकल फायर को कंट्रोल किया जा सकता है
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ट्रांसफॉर्मर ऑयल लीकेज की स्थिति में क्या प्रोटोकॉल फॉलो करना चाहिए
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मल्टी-स्टोरी हाई वोल्टेज इक्विपमेंट में फायर फाइटिंग के नए तरीके
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इनोवेटिव ट्रेनिंग तकनीक:
प्रशिक्षण में VR टेक्नोलॉजी का उपयोग करके विभिन्न आपात स्थितियों का सिमुलेशन किया गया। कर्मचारियों को विशेष फायर-रेसिस्टेंट सूट पहनाकर रियल टाइम एक्सपीरियंस दिया गया।
क्यों है यह जरूरी?
पिछले 6 महीनों में छत्तीसगढ़ के 3 बड़े सब-स्टेशनों में आग लगने की घटनाओं के बाद सीएसईबी प्रशासन ने नया प्रोटोकॉल बनाया है:
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हर स्टेशन पर मैंडेटरी फायर ड्रिल
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हर 15 दिन में सेफ्टी इक्विपमेंट की ऑडिट
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नाइट शिफ्ट के दौरान डेडिकेटेड फायर वॉच टीम
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
"आज का प्रशिक्षण गेम-चेंजर साबित होगा," यह कहना है सीएसईबी चीफ इंजीनियर अखिलेश गजपाल का। "हमने नई जेनरेशन के फायर एक्सटिंग्विशर सिस्टम भी इंस्टॉल किए हैं जो ऑटोमेटिक एक्टिवेट होते हैं।"
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया:
प्रशिक्षण में शामिल एक टेक्निशियन ने बताया, "आज हमने सीखा कि कैसे 1 मिनट की देरी करोड़ों के नुकसान का कारण बन सकती है। यह प्रैक्टिकल नॉलेज हमारे लिए बहुत उपयोगी है।"
भविष्य की योजना:
सीएसईबी अब हर महीने ऐसे प्रशिक्षण आयोजित करेगा और एक मोबाइल फायर सेफ्टी यूनिट भी तैनात करेगा जो राज्यभर के सब-स्टेशनों का निरीक्षण करेगी।