सूडान में हालत बेहद खराब, हम हर भारतीय को बाहर निकालेंगेभारत एयरलिफ्ट, अब तक 1100 रेस्क्यू
दिल्ली दूसरे दिन बुधवार देर रात 367 नागरिकों का पहला बैच सऊदी अरब के जेद्दाह से नई दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा। एयरपोर्ट पर लोगों ने 'भारत माता की जय, इंडियन आर्मी जिंदाबाद, नरेंद्र मोदी जिंदाबाद' के नारे लगाए

नई दिल्ली दूसरे दिन बुधवार देर रात 367 नागरिकों का पहला बैच सऊदी अरब के जेद्दाह से नई दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा। एयरपोर्ट पर लोगों ने 'भारत माता की जय, इंडियन आर्मी जिंदाबाद, नरेंद्र मोदी जिंदाबाद' के नारे लगाए। रेस्क्यू की गई की एक बच्ची ने कहा- हम वहां किसी भी पल मारे जा सकते थे। इसके अलावा गुरुवार सुबह 10.22 बजे 246 भारतीयों का दूसरा बैच जेद्दाह से मुंबई के लिए रवाना हुआ है। उन्हें IAF के C17 ग्लोबमास्टर से लाया जा रहा है।
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने गुरुवार को मिशन कावेरी पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद जल्द से जल्द अपने लोगों को सेफ जगह भेजकर उन्हें भारत लाना है। सूडान में हालत बेहद खराब हैं, हम हर भारतीय को वहां से बाहर निकालेंगे।
'सूडान में 3500 भारतीय फंसे हैं'
सूडान में हालात बहुत नाजुक हैं। वहां अभी 3500 भारतीय और 1000 इंडियन ऑरिजिन यानी भारतीय मूल के लोग फंसे हुए हैं। उन्हें वहां से निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है। क्वात्रा ने बताया कि भारतीयों को लाने के लिए INS तरकश भी पोर्ट सूडान पहुंच चुका है।
सूडान से अब तक 1100 भारतीयों को समुद्री और हवाई रास्ते सऊदी अरब लाया जा चुका है। इनमें से 367 भारतीय बुधवार रात जेद्दाह से नई दिल्ली पहुंचे। बाकी सभी जेद्दाह में हैं। इन्हें जल्द भारत लाया जाएगा। सूडान में सिविल वॉर के पहले तक भारतीयों की संख्या 4,000 से ज्यादा थी।
दिल्ली लौटे भारतीयों की आपबीती- हम नहीं जानते थे कि हम में से कौन जिंदा रहेगा
दिल्ली एयरपोर्ट पर सूडान से आईं ज्योति ने बताया, 'हमें नहीं पता था कि हम में से कौन जिंदा रहेगा। हमने घरों को बमों से उड़ते देखा। ऑफिस के साथियों को बंदूक की नोक पर बंधे देखा। हम अपने साथ पैसे भी नहीं लाए, क्योंकि वहां की सेना हमें लूट और मार सकती थी।' कुछ लोगों का कहना था कि हमारी आंखों के सामने फायरिंग हो रही थी।
एक युवक ने बताया कि हमें खाना नहीं मिल रहा था।। ऐसा 2-3 दिनों तक जारी रहा। सूडान सैन्य बल के धड़े RSF का टेंट हमारी कंपनी के पास लगाया गया था। सुबह ही सुरक्षाबल कंपनी में घुस गए और हमारे साथ लूटपाट की। उन्होंने हमें 8 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। हमारे सीने पर राइफल रखी और हमें लूट लिया। हमारे मोबाइल-पैसे छीन लिए।
एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि हम दूतावास के संपर्क में रहे और उन्हें बसों की व्यवस्था करने के लिए कहा; क्योंकि हमारे पास डीजल था। इसके बाद हमारे पास भारतीय नौसेना के लोग पहुंचे।