दुर्ग की डॉ.प्रज्ञा सिंह राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के लिए चयनित, भारत सरकार ने चयनित शिक्षकों की जारी की सूची

दुर्ग। भारत सरकार ने इस वर्ष शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 की घोषणा कर दी है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सूची के अनुसार इस वर्ष नईदिल्ली में यह पुरस्कार दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ से एक मात्र शिक्षक का चयन इस पुरस्कार के लिए किया गया है। दुर्ग जिला के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला, हनोदा की शिक्षिका डॉ. प्रज्ञा सिंह का चयन किया गया है।
शिक्षिका डॉ. प्रज्ञा सिंह की प्रारंभिक परीक्षा आदर्श कन्या विद्यालय दुर्ग से पूरी की है। उसके बाद उन्होंने साइंस कॉलेज दुर्ग से स्नातक (गणित) और स्नातकोत्तर (भूविज्ञान) की डिग्री हासिल की। इसके बाद उनकी शादी हो गई, शादी के उपरांत उन्होंने कल्याण महाविद्यालय, भिलाई नगर से वर्ष 2008 में बीएड की। उसके बाद इनका चयन शिक्षक के लिए प्राइमरी स्कूल हनोदा में हुआ, जहां उन्होंने दो वर्ष तक अपनी सेवाएं दी।
वर्ष 2010 में व्यायाम द्वारा आयोजित परीक्षा में भाग लिया और उसमें मिडिल स्कूल टीचर के पद पर चयनित हुई, तब से अभी तक अपनी सेवाएं दे रही है। इस दौरान उन्होंने संस्कृत, गणित और इंग्लिश विषयों में स्नातकोतर की डिग्री हासिल की। सनराइज यूनिवर्सिटी राजस्थान से भूविज्ञान से उन्होंने वर्ष 2023 में पीएचडी भी किया है।
गणित विषय के क्षेत्र में नवाचार करने के लिए उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के लिए चयनित किया गया है। उनके पति भी शिक्षा विभाग दुर्ग में कार्यरत है। उनके दो बेटे है। उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान हेतु तीन बार राष्ट्रीय स्तर पर चयनित एवं तीन बार जिला स्तर पर चयनित, राज्य शिक्षक सम्मान, मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण, उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान मिल चुका है।
डॉ. प्रज्ञा सिंह का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के चहुंमुखी विकास हेतु उचित वातावरण उपलब्ध कराने का प्रयास, प्रतियोगी परीक्षाओं की विशेष तैयारी, शाला में सीखने सिखाने का आनंददायी वातावरण निर्मित करने का प्रयास, सामुदायिक सहभागिता से शाला विकास का रहा है।
छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव हनोदा के माध्यमिक विद्यालय में गणित की शिक्षिका है, हनोदा एक श्रमिक बाहुल्य बस्ती है, ऐसे क्षेत्र में उन्होंने उस क्षेत्र के लोगों को शिक्षा और नशे के प्रति जागरूकता किया। गणित विषय को सरल बनाने के लिए उन्होंने गतिविधि आधारित शिक्षण पर जोर दिया।
डॉ. प्रज्ञा सिंह ने स्वयं के खर्च पर एक उन्नत गणित लैब की स्थापना की है, जिसमें करीब 500 से अधिक शिक्षण सहायक सामग्री निर्मित की हैं जिसकी सहायता से खेल खेल में बच्चे गणित की कठिन अवधारणा को सरलता से सीख लेते हैं। जिससे बच्चे को गणित में शत प्रतिशत अंक भी प्राप्त हो रहे हैं, गणित लैब के अलावा गणित पार्क भी बनाया है।
उनके द्वारा जिला स्तरीय मॉडल उल्लास केंद्र की भी स्थापना की गई है जिसमें एफएलएन आधारित लगभग 100 टीएलएम निर्मित किए हैं, मुस्कान पुस्तकालय के लिए भी 30,000 रूपये की पुस्तक दान दी हैं। अभी तक उन्होंने स्कूल में और बच्चों के हित में आठ लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च कर चुकी है। जिसका परिणाम यह हुआ है कि डॉ. प्रज्ञा सिंह के अथक प्रयास से बच्चों के अधिगम स्तर में सुधार हुआ है, वे शत प्रतिशत अंक प्राप्त कर रहे हैं, खेल खेल में बच्चे लर्निंग आऊट कम प्राप्त कर रहे हैं। अभी तक 23 बच्चों का चयन एनएमएमएसई एवं 2 बच्चे का चयन प्रयास एवं 1 श्रेष्ठा में हुआ है।