कार्यालयीन यौन उत्पीड़न का मामला:डीएमएफ के नोडल डॉ. एसके जामगड़े पर यौन उत्पीड़न का आरोप, पद से हटाए गए

सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ डीएमएफ नोडल डॉ. एसके जामगड़े पर गुरुवार को महिला सहकर्मी ने स्वयं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, सीएमएचओ को दिए गए आवेदन में बताया कि 13 सितंबर को डॉ. जामगड़े उसे अपने कक्ष में बुलाकर अपनी गर्ल फ्रेंड बनने का दबाव बनाए।
पूर्व में भी कार्यालयीन पत्रों पर हस्ताक्षर कराने जब-जब वह उनके पास जाती रही, डॉ. जामगड़े उसे देखने के बाद स्वयं को कुछ-कुछ होना बोलते रहे। उनकी हरकतों से परेशान होकर 13 सितंबर की दोपहर बाद वह कार्यालय से घर निकल रही थी, तो उसे रोक कर उन्होंने अपने कृत्यों की माफी मांगी। जबकि इस मामले में डॉ. जामगड़े ने महिला सहकर्मी के आरोपों को निराधार बताया है।
उन्होंने कहा कि गुरुवार को वह महिला कर्मी को अपने कक्ष में बुलाकर पटल बदलने और नया पदभार लेने के बारे में ही पूछताछ किए थे। उधर सीएमएचओ डॉ. जेपी मेश्राम ने लिखित शिकायत मिलने पर डॉ. जामगड़े को सभी पदों से हटाते हुए उनकी मूल पदस्थापना सुपेला में शहरी परिवार कल्याण केंद्र भेज दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार महिला कर्मियों के यौन उत्पीडऩ की जांच के लिए बनी स्थानीय विशाखा समिति को मामले की जांच सौंप दी।
जानिए आखिर क्या है पूरा मामला, जांच के निर्देश हुए
पीड़ित महिला कर्मी के मुताबिक 11 सितंबर को सीएमएचओ ने अपने कार्यालय में सबके काम बदले। उसे स्थापना शाखा से हटाकर आवक शाखा का काम दिया गया। साथ ही आवक शाखा की टेबल प्रथम तल से शिफ्ट कर ग्राउंड फ्लोर पर डॉ. जामगड़े की टेबल के बगल में लगा दी गई। 15 दिन पहले डॉ. जामगड़े उसे अपने बगल में बैठाना बोल चुके थे। विभाग में परिवर्तन के बाद वैसा हो भी गया, इसलिए वह हैरान व परेशान हो गई। डॉ. जामगड़े ने पुन: पहले जैसी हरकत की। इसलिए महिला ने मामले में शिकायत की।
शिकायत मिलते ही पद से हटाया, जांच करा रहे हैं
हमारे कार्यालय में पदस्थ महिला सहकर्मी ने गुरुवार को लिखित आवेदन देकर डीएमएफ नोडल डॉ. एसके जामगड़े पर यौन उत्पीड़ऩ का आरोप लगाया है। आवेदन की जानकारी मिलते ही उन्हें सभी पदों से हटाकर उनकी मूल स्थापना सुपेला रिलीव कर दिया है। साथ मामले की जांच के लिए कार्यालय की विशाखा समिति को जांच सौंप दी है। जांच होने तक डॉ. जामगड़े उतई में अपने शासकीय दायित्वों का निर्वहन करेंगे। समिति की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. जेपी मेश्राम, सीएमएचओ दुर्ग