क्लीन सिटी की तरह वायु की स्वच्छता का भी मूल्यांकन होगा दुर्ग-भिलाई समेत देश के 131 शहरों में इसके लिए सर्वे जल्द

केंद्र सरकार ने शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) की शुरुआत की है, जिसमें मिशन क्लीन सिटी की तरह ही वायु की गुणवत्ता सुधारने वाले शहर को आंका जाएगा और उन्हें रेटिंग दी जाएगी। इसके लिए एनसीएपी ने देशभर के 131 शहरों को चुना है। इसमें दुर्ग-भिलाई समेत छत्तीसगढ़ के रायपुर और कोरबा शहर भी शामिल हैं।
इस पूरी कवायद का मकसद अगले पांच साल में पीएम10 (मोटे कण) और पीएम2.5 (महीन कण) की सांद्रता में कम-से-कम 40% की कमी लाना है। वर्ष 2011 से 2015 के राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों पूरा नहीं करने वाले शहरों को तीन तीन ग्रुप में बांटा गया है। 10 लाख की आबादी वाले 47 शहरों को एक ग्रुप में बांटा गया है।
3 से 10 लाख आबादी वाले 44 शहरों को दूसरे और 3 लाख से कम आबादी वाले 40 शहरों को तीसरे ग्रुप में शामिल किया गया है। वर्ष 2026 तक राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत आने वाले शहरों में कणों की सांद्रता में 40% की कमी का नया लक्ष्य निर्धारित किया है, जो वर्ष 2024 तक 30% की कमी लाने लक्ष्य है।
सालभर में 104 बार पीएम 10 और पीएम 2.5 के सैंपल लेंगे, वेदर अपडेट भी लेंगे वायु प्रदूषक जैसे सल्फर डाइऑक्साइड (एसO2), नाइट्रोजन के ऑक्सीकरण (एनO2) के रूप में सभी स्थानों पर नियमित निगरानी के लिए रिस्पांसिबल सस्पेंडेड पर्टिकुलेट मैटर (आरएसपीएफ/ पीएम10) और फाइन पर्टिकुलेट मैटर (पीएम2.5) की पहचान की गई है। हवा की गति की निगरानी के साथ हवा की गति और हवा की दिशा, सापेक्ष आर्द्रता (आरएच) और तापमान जैसे मौसम संबंधी मापदंडों की निगरानी की जाएगी।
विशेषज्ञों के मुताबिक एयर क्वालिटी इंडेक्स(एक्यूआई) को 0-50 के बीच बेहतर, 51-100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच सामान्य, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है। पीएम2.5 2.5 माइक्रोमीटर या कम व्यास वाले कण ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।