दुर्ग में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रोकी ट्रेन:यात्री ट्रेनों को रोककर मालगाड़ी को चलाने के विरोध में किया प्रदर्शन

दुर्ग में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रोकी ट्रेन:यात्री ट्रेनों को रोककर मालगाड़ी को चलाने के विरोध में किया प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में यात्री ट्रेनों की लेट लतीफी के खिलाफ बुधवार को कांग्रेस ने रेल रोको आंदोलन किया गया। इस कड़ी में दुर्ग जिले के कांग्रेसी बड़ी संख्या में दुर्ग रेलवे स्टेशन में इकट्ठा हुए। इसके बाद स्टेशन के अंदर जाकर केंद्र सरकार और मोदी विरोधी नारे लगाते हुए ट्रेन को रोककर आंदोलन को सफल बनाया। आंदोलन के बाद उन्होंने अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा।

भिलाई शहर जिला अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर ने बताया कि केंद्र सरकार सिर्फ फायदे के लिए ट्रेन चला रही है। जनता के हित का उन्हें कोई ध्यान नहीं है। इस तरह त्यौहारों के बीच बार-बार यात्री ट्रेने रद्द की जा रही हैं। पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों को लेट चलाया जा रहा है।रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर प्रदर्शन करते कांग्रेसी नेता

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ट्रेन का किराया बढ़ाया जा रहा है। रेलवे में अब तक बुजुर्गों, छात्रों आदि को जो रियायतें मिलती थीं उन्हें भी खत्म कर दिया है। केंद्र सरकार भारतीय रेलवे के निजीकरण का षडयंत्र कर रही है। आंदोलन के दौरान विधायक अरुण वोरा, चरोदा महापौर निर्मल कोसरे, दुर्ग महापौर धीरज बाकलीवाल, दुर्ग जिला कांग्रेस अध्यक्ष गया पटेल, भिलाई जिला कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश चंद्रकार, पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष आरएन वर्मा, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष राजेंद्र साहू, सभापति राजेश यादव, भिलाई निगम की पार्षद रीता सिंह गेरा सहित हजारों कांग्रेसी मौजूद रहे। 

दुर्ग के विधायक अरुण वोरा भी प्रदर्शन के दौरान मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कहते है "हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई यात्रा करेंगे" ये झूठा ख्वाब दिखा कर इस मोडानी सरकार ने देश की 70 फीसदी आबादी को भारतीय रेल से दूर करने की पूरी तैयारियां कर ली है।

जिस तरह रेल स्टॉपेज बंद किए जा रहे हैं, किराया बढ़ाया जा रहा है, स्लीपर और सामान्य श्रेणी के डिब्बे घटाए जा रहे हैं अब वह दिन दूर नहीं जब भारतीय रेलवे 'आम नागरिकों' का नहीं खास नागरिकों तक सीमित रह जाएगी। हमें यह कतई मंजूर नहीं, हम इसका लगातार विरोध करते रहेंगे । दुर्ग के कांग्रेस नेता राजेंद्र साहू ने कहा कि कांग्रेसियों के द्वारा ये सांकेतिक प्रदर्शन था। इसके बाद अपनी मांगे रेलवे स्टेशन मास्टर के जरिए दी गई हैं। यदि इन्हें नहीं माना गया तो इसका विरोध लगातार चलता रहेगा। इसको लेकर आगे हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। इससे मोदी सरकार को पता चलेगा की उनकी गलत नीतियों के खिलाफ किस हद तक जनता में रोष है। उन्होंने कहा इस बार जनता फिर से भूपेश सरकार को राज्य में लाकर इसका जवाब देगी।