भिलाई की युवती ऑनलाइन लोन ऐप के झांसे में आई; बांग्लादेशी ठगों ने फोटो एडिट कर ब्लैकमेल कर वसूले 6 हजार रुपए
लोन नहीं मिला, उल्टा व्हाट्सऐप कॉल पर धमकाने लगे ठग; साइबर सेल जांच में जुटी
भिलाई की एक युवती को ऑनलाइन लोन ऐप के जरिये साइबर ठगों ने निशाना बनाया। बांग्लादेश के नंबर से आए कॉल पर ठगों ने युवती की फोटो एडिट कर उसे वायरल करने की धमकी दी और 6 हजार रुपए वसूल लिए। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
भिलाई। ऑनलाइन लोन दिलाने के नाम पर एक युवती को ब्लैकमेल कर ठगने का मामला सामने आया है। जामुल थाना क्षेत्र की यह घटना तब हुई जब युवती ने इंटरनेट पर दिखे एक विज्ञापन के आधार पर लोन ऐप डाउनलोड किया। ऐप इंस्टॉल करते समय उसने जो एक्सेस दिए, उसके जरिए ठगों को उसके मोबाइल का पूरा नियंत्रण मिल गया।
लोन के लिए सभी दस्तावेज और जानकारी अपलोड करने के बाद भी युवती को कोई राशि नहीं मिली। कुछ दिनों बाद उसे एक अनजान व्हाट्सऐप नंबर से कॉल आने लगी, जो बांग्लादेश का था। कॉल करने वाला खुद को लोन कंपनी का प्रतिनिधि बताकर किश्त भरने का दबाव डालने लगा।
जब युवती ने कहा कि उसे लोन की रकम मिली ही नहीं, तो आरोपी ने उसकी फोटो एडिट कर आपत्तिजनक रूप में तैयार कर दी और वायरल करने की धमकी दी। डर के कारण युवती ने ठगों को 6 हजार रुपए भेज दिए। लेकिन इसके बाद ठगों ने और पैसों की मांग शुरू कर दी।
पीड़िता ने मामला गंभीर समझते हुए जामुल थाना में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आईटी एक्ट की धारा 67, 308(2), 318(4) के तहत अपराध दर्ज कर मामला साइबर क्राइम सेल को जांच के लिए सौंप दिया है।
थाना प्रभारी रामेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस आरोपी के मोबाइल नंबर और बैंक डिटेल्स की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में ठगों के बांग्लादेश से संचालित होने की संभावना जताई जा रही है।
साइबर विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि इंटरनेट पर दिखने वाले संदिग्ध लोन ऐप डाउनलोड न करें। ये ऐप्स मोबाइल गैलरी, कॉन्टैक्ट्स और सोशल मीडिया अकाउंट तक का एक्सेस मांगते हैं, जिससे ठग निजी जानकारी चुरा लेते हैं। किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज की सूचना तुरंत स्थानीय थाने या साइबर हेल्पलाइन (1930) पर दें।
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