खास समाचार : बड़े अफसरों पर ईओडब्ल्यू-एसीबी का शिकंजा: करोड़ों की बेनामी संपत्ति का पर्दाफाश

डीएफओ, डिप्टी कमिश्नर और डीएमसी के 16 ठिकानों पर छापेमारी, कैश, ज्वेलरी और जमीनों के दस्तावेज बरामद

खास समाचार : बड़े अफसरों पर ईओडब्ल्यू-एसीबी का शिकंजा: करोड़ों की बेनामी संपत्ति का पर्दाफाश

छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी और ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में तीन वरिष्ठ अधिकारियों के 16 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की गई, जिसमें करोड़ों की संपत्ति, भारी मात्रा में नकदी, बीमा निवेश और ज्वेलरी के दस्तावेज बरामद हुए हैं। जांच एजेंसियों को 150 से ज्यादा प्रॉपर्टी दस्तावेज भी हाथ लगे हैं।

जगदलपुर। राज्य में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होती दिख रही हैं, जहां वन विभाग, शिक्षा विभाग और आदिवासी विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों पर आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोपों के बाद ईओडब्ल्यू और एसीबी की संयुक्त टीमों ने 16 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। छापे में तत्कालीन सुकमा डीएफओ अशोक पटेल के सरकारी बंगले से 5 लाख और पैतृक निवास से 15 लाख नकद, 90 प्लॉट व मकान के दस्तावेज, एक करोड़ से ज्यादा एलआईसी निवेश के कागजात मिले हैं। वहीं डिप्टी कमिश्नर आनंद जी सिंह और डीएमसी श्याम सुंदर सिंह चौहान के यहां से 70 से अधिक प्रॉपर्टी दस्तावेज और लाखों का बीमा निवेश सामने आया है।

जांच एजेंसियों के अनुसार, अशोक पटेल के पास 3 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति, जबकि अन्य दोनों अधिकारियों के पास करीब 2-2 करोड़ की संपत्ति होने का अनुमान है। अधिकारियों पर तेंदूपत्ता बोनस वितरण और शिक्षा फंड में घोटाले के आरोप हैं। नकद भुगतान में मृतकों के नाम से भुगतान दिखाना, फर्जी बिलों के जरिए रकम निकालना और भ्रष्टाचार की रकम से ज्वेलरी और संपत्ति में निवेश जैसे गंभीर आरोप हैं।

छापे रायगढ़, सुकमा, बीजापुर, कोंटा, गीदम, दंतेवाड़ा सहित 16 लोकेशनों पर एकसाथ मारे गए, जिनमें कई स्थानों पर ताले लगे मिले। जांच एजेंसी ने नोटिस भी जारी किए हैं। एसीबी-ईओडब्ल्यू चीफ अमरेश मिश्रा के अनुसार, “तीनों अधिकारियों के ठिकानों से 150 से अधिक संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए हैं। सभी की जांच की जा रही है।”