छत्तीसगढ़ में सब्जियों की सप्लाई ठप, दाम बढ़े:पेट्रोल पंप पर उमड़ी लोगों की भीड़; ट्रक-बस ड्राइवर्स की हड़ताल का दूसरा दिन

छत्तीसगढ़ में सब्जियों की सप्लाई ठप, दाम बढ़े:पेट्रोल पंप पर उमड़ी लोगों की भीड़; ट्रक-बस ड्राइवर्स की हड़ताल का दूसरा दिन

छत्तीसगढ़ में सोमवार से शुरू हुई बस और ट्रक ड्राइवर्स की हड़ताल मंगलवार को भी जारी है। पेट्रोल की सप्लाई प्रभावित होने से रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, रायगढ़, जगदलपुर जैसे शहरों में देर रात तक पेट्रोल पंप पर भीड़ लगी रही। सब्जियों की सप्लाई रुकने से उनके दाम बढ़ गए हैं। क्योंकि थोक मंडी तक गाड़ियां नहीं आ रहीं। सैंकड़ों लोगों को पेट्रोल नहीं मिल पाया क्योंकि डिपो से पंप आने वाले ट्रकों के पहिए थमे हुए हैं।

रायपुर के जीई रोड, भाटागांव स्थित पेट्रोल पंप पर विवाद के हालात बन गए। लोगों को अपनी पारी का इंतजार करते हुए आधे घंटे का वक्त लग रहा था। तब जाकर कुछ लोंगों को पेट्रोल मिल पाया। ये हड़ताल केंद्र सरकार के कानून का विरोध है जिसमें हिट एंड रन मामले में ड्राइवर्स को कड़ी सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 

NH जाम करने पर होगा FIR

बिलासपुर जिला प्रशासन ने सोमवार को स्थानीय ट्रक-बस एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक ली। ड्राइवरों को हड़ताल पर नहीं जाने की समझाइश दी गई। ट्रक और बस मालिकों से कहा गया कि वे अपने ड्राइवरों को टोल प्लाजा में अनावश्यक रूप से ट्रक खड़ा करने से मना करें। राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके लिए वे खुद जिम्मेदार होंगे।

दुर्ग-भिलाई के पेट्रोल पंप पर सुबह से रात तक रही भीड़

दुर्ग और भिलाई के पेट्रोल पंप पर सुबह से लेकर रात तक वाहनों की लंबी लाइन लगी रही। लोगों को एक से दो घंटे तक लाइन में लगना पड़ा, तब जाकर उन्हें पेट्रोल मिल पाया।

सब्जियों के दाम बढ़ गए क्योंकि ट्रक नहीं आ रहे

रायपुर के डूमरतराई थोक सब्जी मंडी के टी श्रीनिवास रेड्‌डी ने बताया कि 75 प्रतिशत तक सप्लाई ठप हो चुकी है। ट्रक या तो ड्राइवर लेकर आए ही नहीं या कुछ को अलग-अलग हिस्सों में रोक लिया गया। आम दिनों में रायपुर के थोक सब्जी मंडी में 120 से 130 ट्रक आते हैं। सोमवार को 30 ट्रक ही आ पाए। इससे सब्जियों के दाम बढ़ चुके हैं।

थोक के दाम में रोजाना 20 की मिर्च 40 रुपए किलो, मटर 20 की जगह 30 रुपए किलो की दर से बिका। रायपुर में महाराष्ट्र, कर्नाटक, बंगाल और गुजरात के ट्रक सब्जियां लेकर आते हैं जो नहीं आ पा रहे।

फ्यूल सप्लाई जारी रखने के आदेश

सोमवार को दिनभर मंदिर हसौद के पेट्रोल और LPG डीपो में ट्रक खड़े रहे। ड्राइवर इन्हें लेकर नहीं गए। नतीजा ये हुआ कि रायपुर और आस-पास के शहरों में पेट्रोल की किल्लत हो गई। ये देखते हुए अब खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से जारी किया गया है।

संचालक जितेंद्र शुक्ला ने आदेश जारी कर कहा है कि, पेट्रोल-डीजल और LPG की सप्लाई को प्रभावित नहीं किया जा सकता। यह अति आवश्यक वस्तुओं में शामिल है। इसे रोकने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

दो दिन और चल सकती है हड़ताल

बस्तर-कोरापुट ट्रक एसोसिएशन के संरक्षक जसबीर सिंह ढिल्लन ने बताया कि बस और ट्रक चालकों की ये हड़ताल बुधवार को भी जारी रह सकती है। उन्होंने कहा- ड्राइवर्स स्ट्राइक मंगलवार को भी जारी रख रहे हैं। पेट्रोल, सब्जी, दूध की सप्लाई पर असर पड़ेगा। हम भी ड्राइवर्स काे ऐसी हालत में गाड़ी ले जाने नहीं कह पा रहे। हम उनकी मांगों का समर्थन करते हैं। सरकार को जल्द से जल्द कानून में बदलाव की ओर विचार करना चाहिए।

2 लाख ट्रक चलते हैं CG में

जसबीर ढिल्लन ने बताया कि प्रदेश में 2 ट्रक चलते हैं। इनका काम सिर्फ प्रदेश में ऑपरेट करना नहीं होता। बल्कि ये प्रदेश से बाहर एक्सपोर्ट इम्पोर्ट का सबसे बड़ा जरिया हैं। 4 से 5 लाख सिर्फ ड्राइवर और हेल्पर ही इस काम से जुड़े हैं।

ट्रांसपोर्ट कंपनियों में और भी स्टाफ होते हैं। लगभग 10 लाख के आस-पास कर्मचारियों का काम प्रभावित हो रहा है। पूरे प्रदेश में जरूरी चीजों की सप्लाई न होने की वजह से आने वाले दो-तीन दिनों में आम लोगों को और भी किल्लत होगी।

हिट एंड रन कानून पर विचार करे सरकार

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने हिट एंड रन कानून को सख्त बनाने का विरोध किया है। संगठन के आह्वान पर ही चक्का जाम और हड़ताल शुरू हुई है। AIMTC की अगली बैठक 10 जनवरी को होगी। इसमें फैसला लिया जाएगा कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है, तो किस तरह से सरकार के सामने अपना पक्ष रखा जाए।

क्यों हो रही ये हड़ताल

केंद्र सरकार द्वारा सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए 'हिट एंड रन' कानून में बदलाव किया जा रहा है। ड्राइवर इस कानून को लाने का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, इंडियन पीनल कोड, 2023 में हुए संशोधन के बाद एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर को 10 साल की सजा और 7 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

इस संशोधन का ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने भी विरोध किया है। एआईएमटीसी के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा, "यह नियम आने के बाद भारी वाहन चालक अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं।