बिना लाइसेंस संचालित हो रहा हाईटेक अस्पताल....CMHO ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब, हो सकती है बड़ी कार्रवाई...

बिना लाइसेंस संचालित हो रहा हाईटेक अस्पताल....CMHO ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब, हो सकती है बड़ी कार्रवाई...

भिलाई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में संचालित हाईटेक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल भिलाई को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने नोटिस जारी किया है। हाईटेक अस्पताल प्रबंधन पर आरोप है कि उन्होंने लाइसेंस समाप्त हो जाने के बाद भी नियमों को ताक पर रखकर हॉस्पिटल का संचालन किया। जिला नोडल अधिकारी छग नर्सिंग होम एक्ट शाखा दुर्ग डॉ अनिल शुक्ला ने बताया कि वो अपनी टीम के साथ 7 अक्टूबर को हाईटेक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल जुनवानी रोड स्मृति नगर भिलाई जांच पर गए थे। वहां उन्होंने पाया कि हॉस्पिटल के पास नगरीय निकाय द्वारा जारी किया गया गुमास्ता लाइसेंस की डेट खत्म हो चुकी थी। उन्होंने उसके लिए अप्लाई भी नहीं किया था। इस पर उन्होंने हॉस्पिटल को बंद करने का निर्देश दिया।

हाईटेक अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया नोटिस।
हाईटेक अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया नोटिस।

8 अक्टूबर को फिर से नर्सिंग होम की टीम जब मित्तल हॉस्पिटल गई, तो वो खुला हुआ पाया गया। इसके बाद 9 अक्टूबर को मित्तल हॉस्पिटल प्रबंधन को नर्सिंग होम एक्ट के उल्लंघन का नोटिस जारी किया गया। नोटिस में हॉस्पिटल प्रबंधन को 3 दिन यानी 12 अक्टूबर तक का समय दिया गया है। अगर वो सही जवाब नहीं दे सका, तो 13 अक्टूबर को कार्रवाई के लिए कलेक्टर दुर्ग (अध्यक्ष नर्सिंग होम एक्ट दुर्ग) को अनुशंसा की जाएगी।

लगभग डेढ़ महीने तक अवैध रूप से संचालित रहा हॉस्पिटल

नोटिस में साफ लिखा गया है कि गुमास्ता लाइसेंस समाप्त हो जाने के बाद भी मित्तल हॉस्पिटल 26 अगस्त 2023 से लेकर 8 अक्टूबर 2023 तक अवैध रूप से संचालित रहा। उनके द्वारा ऐसा करके नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन किया गया है, इसलिए नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा गया है। डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि निरीक्षण के दौरान नर्सिंग होम एक्ट की टीम ने हॉस्पिटल प्रबंधन से दस्तावेज की मांग की थी, लेकिन वो नहीं दे सके। दस्तावेज की जगह उनके द्वारा उन्हें गोलमोल जवाब दिया जा रहा था। इसके चलते हॉस्पिटल प्रबंधन को मौखिक रूप से अस्पताल बंद करने को कहा गया था, लेकिन वो संचालित रहा।

पल्स हॉस्पिटल को भी जारी किया गया था नोटिस

डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि पल्स सहित जिले का एक अन्य हॉस्पिटल भी बिना पर्यावरण की एनओसी लिए संस्था का संचालन कर रहा था। शिकायत मिलने पर उनकी जांच की गई। जब उनके पास पर्यावरण की एनओसी नहीं मिली, तो उसका संचालन बंद कर दिया गया था। जब वो लोग एनओसी लेकर आए, उसके बाद हॉस्पिटल को चलने दिया गया। डॉ. शुक्ला का कहना है कि चाहे हॉस्पिटल छोटा हो या बड़ा, नियम सभी के लिए बराबर हैं। अगर नियम का पालन नहीं किया गया, तो कार्रवाई की जाएगी।

गुमास्ता लाइसेंस क्या होता है?

गुमास्ता लाइसेंस उद्यमियों को अपना व्यवसाय शुरू करने की अनुमति देता है। गुमास्ता हासिल करना ये सुनिश्चित करता है कि आपका व्यवसाय बिना किसी जटिलता के बढ़ सकता है और व्यवसाय खाता खोलने या बैंक से लोन लेने के लिए भी यह जरूरी है।