ब्रह्माकुमारीज़ आनंद सरोवर में शुरू हुआ 'संस्कार समर कैंप', बच्चों में मूल्य और व्यक्तित्व विकास पर जोर

5 दिवसीय शिविर में नैतिक शिक्षा, आत्म-संयम और सादगी के साथ बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने की पहल

ब्रह्माकुमारीज़ आनंद सरोवर में शुरू हुआ 'संस्कार समर कैंप', बच्चों में मूल्य और व्यक्तित्व विकास पर जोर

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के बघेरा स्थित ब्रह्माकुमारीज़ के आनंद सरोवर परिसर में 16 मई से "संस्कार समर कैंप" का आयोजन प्रारंभ हुआ। यह 5 दिवसीय शिविर विशेष रूप से कक्षा 6वीं से 8वीं तक के विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आयोजित किया गया है। उद्घाटन अवसर पर शिक्षा और बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बच्चों को सकारात्मक सोच और संस्कार आधारित जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा दी।

दुर्ग। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा संचालित बघेरा, दुर्ग स्थित "आनंद सरोवर" परिसर में आज से 20 मई तक 5 दिवसीय "संस्कार समर कैंप" का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन आर.एल. ठाकुर (संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा विभाग), अजय साहू (महिला एवं बाल विकास अधिकारी), ब्रह्माकुमारी रीटा दीदी और चैतन्य प्रभा दीदी ने संयुक्त रूप से किया।

अपने प्रेरणादायक संबोधन में आर.एल. ठाकुर ने कहा कि यह शिविर बच्चों को मोबाइल की दुनिया से निकालकर आत्मविकास और आत्म-चिंतन की ओर ले जाएगा। "गूगल आपको जानकारी दे सकता है, लेकिन ब्रह्माकुमारी बहनें आपको जीने की कला सिखाएंगी," उन्होंने कहा।

अजय साहू ने शिक्षा के वर्तमान स्वरूप पर चर्चा करते हुए कहा कि आज की शिक्षा डॉक्टर, इंजीनियर और कलेक्टर तो बना रही है लेकिन एक अच्छा इंसान बनाने की जिम्मेदारी ऐसे ही वैल्यू-बेस्ड शिविर निभा रहे हैं। "ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा दी जा रही यह शिक्षा समाज में सकारात्मक बदलाव का आधार बनेगी," उन्होंने कहा।

रीटा दीदी ने अपने भावपूर्ण उद्बोधन में बच्चों को 'परमात्मा के तीन उपहार' — सच्चाई, सफाई और सादगी — जीवन में अपनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा, "कोई भी परिस्थिति हो, सच्चाई को न छोड़ें। मन में किसी के प्रति दुर्भाव न रखें, क्योंकि मन का मैल हमारी आत्मा की खुशबू को छीन लेता है।"

चैतन्य प्रभा दीदी ने बच्चों से संवाद करते हुए कहा कि जब मन उदास होता है तो पढ़ाई में भी मन नहीं लगता। उन्होंने बच्चों से यह सीखने का आह्वान किया कि कैसे दैनिक जीवन की चुनौतियों के बीच भी अपने मन को शांत और खुश रखा जा सकता है।

कार्यक्रम की शुरुआत में भुवनेश्वरी बहन ने संगीत के माध्यम से योग और व्यायाम कराया, वहीं कुमारी चंद्राणी ने सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया। मंच संचालन रेनू बहन ने सहज और उत्साहपूर्ण ढंग से किया।